3 तलाक बिल: यहां समझें राज्यसभा का गणित क्यों है मोदी सरकार के लिए चुनौती
तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 गुरुवार को पास हो गया. 5 घंटे से ज्यादा चली इस चर्चा के बाद वोटिंग हुई, जिसमें इस बिल के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े. वहीं अब मोदी सरकार को इस बिल को राज्यसभा में पास कराना होगा, लेकिन ये काम लोकसभा जितना आसान नहीं होने वाला. चलिए जानते हैं क्या कहता है राज्यसभा का गणित.
ये है राज्यसभा का गणित
लोकसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद अब सबकी नजरें राज्यसभा पर लगी हुई है, जहां इस बिल को पास कराने की चुनौती मोदी सरकार के सामने है. फिलहाल राज्यसभा में एनडीए के पास 86 सासंद हैं, जिसमें 73 बीजेपी के, जेडीयू के 6, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3 और आरपीआई के 1 सासंद शामिल हैं. वही विपक्ष की ताकत यहां मजबूत नजर आ रही है जहां विपक्ष के पास 97 सांसद हैं, जिसमें 50 कांग्रेस के, सपा के 13, टीएमसी के 13, सीपीएम के 5, एनसीपी के 4, बीएसपी के 4 सीपीआई के 2 और पीडीपी के 2 सांसद शामिल हैं.
वहीं राज्यसभा में वो दल जो किसी खेमे में नहीं और हालात देखकर अपना रुख तय करते हैं, जिनमें टीआरएस के 6, बीजेडी के 9 और एआईएडीएमके के 13 सांसद हैं. वहीं लोकसभा में वॉकआउट करने के बाद सरकार के समक्ष सवाल खड़ा हो गया कि उच्च सदन में एआईएडीएमके का क्या रुख रहेगा. ऐसे में मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 को पास कराना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है.