कांग्रेस ने बीते एक दो साल के अपनी चुनावी रणनीति सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ मोड़ ली है. कांग्रेस को इससे फायदा भी हुआ है. फिर चाहे वो गुजरात हो या कर्नाटक या फिर मध्यप्रदेश हो या राजस्थान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अपनी रणनीति हिंदुत्व के आस पास ही रखी थी. और जब इन राज्यों के विधानसभा परिणाम आए तो कांग्रेस को उसमें कामयाबी मिली. अब इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की सरकार ने अध्यात्मिक विभाग बनाने का ऐलान किया है.
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कई विभागों को मिलाकर अध्यात्मिक विभाग बनाने का ऐलान किया है. आपको बता दें, कांग्रेस ने चुनावों के दौरान इस विभाग को बनाने का ऐलान किया था. सरकार अध्यात्मिक विभाग बनाने जा रही है इसकी जानकारी सीएमओ ने ट्वीट करेक दी है.
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण ,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।@JansamparkMP
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 29, 2018
सीएमओ आफिस से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि,‘धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे.’
आपको बता दें, देश में पहली बार किसी राज्य में आनंद विभाग बनाया गया था. यह विभाग मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बनाया गया था. और अब सरकार के नए आदेश के तहत इसे अध्यात्मिक विभाग का हिस्सा बनाया जा रहा है.
दरअसल, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों पर कहा था कि सरकार बनने पर वो अध्यात्मिक विभाग बनाएंगे. और कांग्रेस ने ऐसा किया भी. कांग्रेस ये दिखाना चाहती है कि वो हिंदुत्व की जो बात कर रही है वो सिर्फ चुनावों के लिए नहीं है. कांग्रेस के इस फैसले का असर 2019 के लोकसभा चुनावों में भी देखने को भी मिल सकता है.