नए साल के अवसर पर माया-अखिलेश के मुलाकात ने राजनीतिक दलों खास कर बीजेपी के माथे पर पसीना ला दिया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की शुक्रवार को दिल्ली में मुलाकात हुई. दोनों के बीच घंटे भर चली मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया जा रहा है.
गठबंधन को लेकर निकला फार्मूला
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की मुलाकात दिल्ली स्थित आवास पर हुई. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच ये मुलाकात तकरीबन घंटे भर चली. नए साल में दोनों नेताओं के इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया जा रहा है, लेकिन चर्चा यही है कि दोनों के बीच गठबंधन को लेकर बात हुई है.
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35-36 का फार्मूला
दिल्ली में मायावती के आवास पर हुई मुलाकात में आगामी लोकसभा चुनाव तैयारियों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर बात हुई. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में सपा-बसपा यूपी में लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. दोनों के बीच सीटों के नए फॉर्मूले पर बात हुई है. सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की 35 सीटों पर और बसपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
सहयोगी दलों पर भी नजर
वही सहयोगी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को 3 सीटें देने और 4 सीटों को रिजर्व रखने पर सहमति बनी है. वहीं अमेठी और रायबरेली में गठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा. सूत्रों के मुताबिक अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं और रायबरेली से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी सांसद है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 2 अमेठी और रायबरेली सीट बचाने में कामयाब रही थी.
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सपा-बसपा गठबंधन को मिली जीत
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. पिछले दिनों लोकसभा और राज्य सभा के उप चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को मिली जीत को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि दोनों पार्टियां मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बात अटक रही थी. लेकिन शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद जो फॉर्मूला तय हुआ है उससे दोनों पार्टिया सहमत नजर आ रही है.