मायावती के बाद तेजस्वी यादव की अखिलेश यादव से चुनावी मुलाकात
चुनावी साल है तो चुनावी मुलाकात होना तो लाजमी है. विपक्षी नेताओं का इन दिनों मिलने-जुलने का दौर जारी है. एक तरफ सपा-बसपा ने बीजेपी का रथ रोकने के लिए हाथ मिला लिया है.
वहीं अब आरजेडी से तेजस्वी यादव ने भी अपना पासा फेंका है और मायावती जी को एडवांस में हैप्पी बर्थडे विश करने बिहार से यूपी चले आए. मायावती के बाद अब उन्होंने अखिलेश यादव से भी मुलाकात की.
अखिलेश यादव से बातचीत कर मीडिया से भी बात करेंगे. आम चुनावों के मद्देनजर यूपी, बिहार को बेहद अहम माना जाता है और दिल्ली का चुनावी रास्ता इन्हीं दो राज्यों से होकर निकलता है. दो मुख्य प्रदेशों के विपक्षी नेताओं का यूं मुलाकात करना एक नए समीकरण को हवा दे रहा है.
रविवार रात करीब डेढ़ घंटे तक तेजस्वी यादव और मायावती की बातचीत चली. अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि सपा-बसपा के गठबंधन में आरजेडी भी शामिल हो सकती है और बसपा को बिहार में 1-2 सीटों भी दी जा सकती है.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव और मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को दरकिनार कर गठबंधन का ऐलान कर दिया है, जबकि बिहार में तेजस्वी यादव कांग्रेस को साथ लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं. हालांकि, दोनों राज्यों में इनका लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना ही है.
रविवार को मायावती से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि वे सबसे छोटे हैं इसलिए बड़ों का आशीर्वाद लेने यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से उनको बेहद खुशी मिली है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर कई तरह के आरोप लगाएं और कहा कि आज लालू जी जेल में है क्योंकि उन्होंने बीजेपी के सामने घुटने नहीं टेके.
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही मायावती-अखिलेश यादव ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और सीटों के बंटवारे का ऐलान किया था. सपा-बसपा सूबे की 80 सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 2 सीटों को दूसरे साथी दलों के लिए छोड़ने की बात कही। अमेठी-रायबरेली सीट को बिना कांग्रेस से गठबंधन किए छोड़ने का ऐलान किया.