असम में लगातार नागरिकता बिल पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद बीजेपी सरकार ने असम में घर घर जाकर जनता को समझाने का फैसला लिया. बीजेपी कार्यकर्ता घर घर जाकर असम के लोगों को विश्वास दिलाएंगे कि इस कानून से असम में किसी भी तरह का जनसांख्यिक बदलाव नहीं आएगा. इसके अलावा अतिरिक्त प्रवासियों को जिम्मा भी नहीं उठाना पड़ेगा.
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दरअसल, इस विधेयक के मुताबिक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से अवैध रुप से भारत में बसे हुए लोगों को भारत की नागरिकता दिलाने का प्रावधान है. सरकार लोगों को बताएगी कि 1985 के असम समझौते की धारा 6 लागू होने से असम के स्थानीय मूल निवासियों की रक्षा हो सकेगी. इस धारा में असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषायी पहचान और विरासत को सुरक्षित बनाने के लिए संविधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा के उपाय किए गए हैं.
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बीजेपी के एक नेता ने बताया कि हम पहले ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को पूरे असम में हर गांव में जाकर लोगों को असम समझौते की धारा 6 के बारे में समझाने के निर्देश दे चुके हैं.
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपने स्वयंसेवकों को ये निर्देश दे चुके हैं कि असम के लोगों को इस विधेयक के फायदों से अवगत कराया जाए. आरएसएस की तरफ से कहा गया कि असम की जनता के लिए जानना जरुरी है कि इस बिल का मूल उद्देश्य छह समुदाय के बेघर लोगों को राहत देना है और इससे राज्य में पड़ोसी देश के अवैध प्रवासियों की बाढ़ नहीं आएगी.