अरुणाचल के पूर्व सीएम ने दिया बीजेपी से इस्तीफा, बोले- एक नेता की मुट्ठी में सरकार

अरुणाचल प्रदेश में 22 साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले गेगांग अपांग ने बीजेपी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अपांग भारतीय राजनीति के दूसरे ऐसे नेता है जो इतने लंबे तक पद मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं.

अपांग ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कई आरोपा लगाएं और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपना इस्तीफा भेज दिया. अपांग ने बीजेपी को सत्ता हासिल करने का मंच करार दिया.

पूर्वोत्तर में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री रहे गेगांग अपांग ने इस्तीफे में कहा कि मुझे यह देखकर निराशा हुई कि बीजेपी इस समय स्वर्गीय वाजपेयी जी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है. पार्टी अब सत्ता पाने का जरिया बन गई है. उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसे लोगों के नेतृत्व में काम कर रही है, जो विकेंद्रीकरण या लोकतांत्रिक फैसले नहीं लेते और जिन मूल्यों के लिए पार्टी की स्थापना की गई थी, उन पर विश्वास नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अब एक नेता की मुट्ठी में है.

मोदी सरकार को अपांग ने बताया नाकाम

अपांग ने कहा, ‘बीजेपी और केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के मुद्दे पर नाकाम रही है. नगा शांति वार्ता, चकमा-हाजोंग मुद्दा, नागरिकता बिल, दूरसंचार व वास्तविक समय में डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ ही बांग्लादेश, म्यांमार और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने जैसे अहम मुद्दों का समाधान खोजने में मोदी सरकार नाकाम रही है.

उन्होंने कहा कि पार्टी को 2014 में जनादेश नहीं मिला था लेकिन फिर बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. इसके लिए बीजेपी ने नेतृत्व ने खरीद-फरोख्त कर, हर गंदा तिकड़म कर दिवंगत कालिखो पुल को सीएम बनवाया. कालिखो पुल के आत्महत्या को लेकर उन्होंने कहा कि कालिखो की आत्महत्या की न तो कोई उचित जांच कराई गई और न ही बीजेपी नेतृत्व ने पूर्वोत्तर में कई अन्य बीजेपी सरकारों के गठन के दौरान नैतिकता का कोई ख्याल ही रखा. अपांग ने बीजेपी को तानाशाह सरकार कहा.

बीजेपी के लिए बन सकती है मुश्किल

कुछ दिनों बाद देश में आम चुनाव होने वाले हैं ऐसे में पार्टी के नेताओं का इस तरह पार्टी से इस्तीफा देना बीजेपी के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है. गौरतलब है कि अपांग से पहले बिहार और यूपी में कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है.
आपको बता दें कि अपांग ने 2014 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी को अपनाया था. गेगांग अपने राजनीतिक करियर में 22 साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहे.
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