ग्वालियर: लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की शुरुआत हो चुकी है. शुक्रवार को शिवपुरी लिंक रोड पर केदारपुर धाम स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में सरसंघचालक मोहन भागवत और रकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने इसका शुभारंभ किया. दरअसल, इस बैठक में संघ के अपने एजेंडा पर चर्चा होने के बाद कई प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. इसके साथ ही चुनाव को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को काम में जुटने का संदेश भी दिया जाएगा.
शनिवार को बैठक के दौरान आरएसएस ने सबरीमाला मंदिर मामले का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि आखिर न्याय प्रक्रिया तेज किए जाने के बावजूद राम जन्मभूमि मामले का समाधान क्यों अब तक नहीं निकल पाया है. हालांकि आरएसएस ने यह भी कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था में पूरा भरोसा है लेकिन इस मामले का हल जल्द निकलना चाहिए और मंदिर निर्माण के लिए आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए.
Rashtriya Swayamsevak Sangh: We are experiencing that Hindus are constantly being neglected. While having full respect in the judicial system we would like to say emphatically that the Judgment on the dispute must expedite and remove the obstacles in constructing a grand Temple https://t.co/Yyeg2MOD09
— ANI (@ANI) March 9, 2019
आरएसएस ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी के क्रम में सबरीमाला मंदिर का उदाहरण दिया. आरएसएस ने कहा, ‘इस मामले में (सबरीमाला) किसी भी पक्ष यहां तक कि पीठ की एक मात्र महिला सदस्य के विचार को भी तवज्जो नहीं दिया गय. वहीं दूसरी तरफ राम जन्मभूमि का मामला लंबे समय से लंबित है. कानूनी प्रक्रिया तेज होने के बावजूद अब तक समाधान नहीं निकला और अब सुप्रीम कोर्ट का रुख हैरान करने वाला है.’ आरएसएस ने कहा कि यह समझ से परे है कि हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस संवेदनशील मामले को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकता नहीं दी.
आरएसएस ने दो टूक कहा, हमें लगता है कि हिंदुओं की लगातार उपेक्षा हो रही है. न्याय व्यवस्था में भरोसा जताते हुए आरएसएस ने उम्मीद जताई की राम मंदिर मामले में जल्द समाधान निकलेगा और मंदिर निर्माण के लिए सभी बाधाओं को दूर कर लिया जाएगा.
आपको बता दें कि अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का रास्ता अपनाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए यह बड़ा फैसला दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय पैनल भी गठित कर दिया है.