नई दिल्ली: समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद समेत चारों आरोपी को बरी कर दिया गया है. NIA की विशेष अदालत ने बुधवार को असीमानंद समेत लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया है. इससे पहले विशेष एनआईए कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में पाकिस्तानी गवाहों के बयान के लिए अनुमति देने के आवेदन को खारिज कर दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद पाकिस्तानी गवाहों को गवाही का मौका नहीं मिलेगा.
Samjhauta Blast Case: All four accused -Aseemanand, Lokesh Sharma, Kamal Chauhan and Rajinder Chaudhary have been acquitted by Special NIA Court in Panchkula pic.twitter.com/9urDpWm87r
— ANI (@ANI) March 20, 2019
बता दें, पाकिस्तानी महिला राहिला की तरफ से अर्जी वकील मोमिन मलिक द्वारा दायर की गई थी. इस मामले में एक पाकिस्तानी गवाह का वीडियो सामने आया था. सने इस कांड के आरोपितों की पहचान की दावा किया था
समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले में 11 मार्च को फैसला ऐन वक्त पर रुक गया था. पाकिस्तान की एक महिला राहिला ने अपने वकील द्वारा गवाही का मौका देने की मांग करने वाली अर्जी अदालत दी थी. राहिला के वकील एडवोकेट मोमिन मलिक द्वारा अर्जी दिए जाने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की. उस दिन इस अर्जी पर विचार किया जाना था. 14 मार्च को बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण दोनों पक्ष के वकील अदालत नहीं पहुंचे थे. इसके बाद अदालत ने सुनवाई 18 मार्च का दिन तय किया था.
18 मार्च को इस मामले पर विशेष NIA अदालत में सुनवाई हुई. पाकिस्तान की एक महिला वकील द्वारा दी गई याचिका पर NIA व बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में जवाब दाखिल किया. इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को तय की थी.
समझौता ब्लास्ट केस
मामला 18 फरवरी 2007 का है. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था. यह ट्रेन दिल्ली से पाकिस्तान जा रही थी.
विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग़ थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नज़दीक हुआ था. विस्फोट से लगी आग में 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे.