लखनऊ। त्वरित इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटौंजा में 2 रोगी वाहन की व्यवस्था सरकार द्वारा मुहैया कराई गई है। लेकिन यहां पर चालकों के तबादले हो जाने के कारण यह एंबुलेंस अब सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रही हैं। जिन से मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है । यह हमेशा अस्पताल परिसर में खड़ी रहती हैं। इनसे स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर भी अनजान हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटौंजा में मरीजों की सुविधा के लिए दो एंबुलेंस हैं ।लेकिन जो उनके चालक थे। उनका तबादला लखनऊ में कर दिया गया है। जिससे इन एंबुलेंस को चलाने वाला कोई नहीं है। जो अब शोपीस तरह खड़ी है। सिर्फ यह अस्पताल की शोभा बढ़ा रही हैं। सामुदायिक स्वास्य केंद्र इटौंजा मैं आने वाले मरीजों को आवागमन में आए दिन कठिनाई हो रही है। एंबुलेंस की तलाश में मरीज तड़पते रहते हैं। कभी कभी जब मरीजों को यहां से रिफर कर दिया जाता है ।
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तो मरीजों को टैक्सी व अपने निजी साधनों से जाना होता है ।लेकिन अस्पताल की 2 रोगी वाहनों से क्षेत्र की जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं जटिल प्रसव के समय यहां के चिकित्सकों द्वारा मरीज को लखनऊ भेजने पर तुरंत वाहन की आवश्यकता होती है ।
लेकिन तीमारदारों को मरीज को ले जाने के लिए घंटों वाहन की वाट जोहनी पड़ती है । जिससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। इस संबंध में जब यहां के अधीक्षक डॉ संदीप सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि एंबुलेंस के चालकों का ट्रांसफर लखनऊ में हो गया है। फिलहाल 102 और 108 मरीजों को लाने ,ले जाने में मदद कर रही हैं।