लखनऊ: सरकार की जननी सुरक्षा योजना का किंग जार्ज चिकित्सा विविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल में प्रसूताओं को लाभ मिल रहा है लेकिन जमीनी हकीकत पर इसका लाभ लाभ्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं भर्ती प्रसूताओं को सरकारी योजनाओं की भी कोई जानकारी नहीं दी जाती है, जिससे वह इस लाभ से वंचित रहती हैं। अहम बात यह भी है कि जिन प्रसूताओं को फार्म दिया जाता है, उन्हें भरने और जमा करवाने में कोई मदद नहीं करता है। इससे वह फार्म भी भरकर दे ही नहीं पाती हैं।क्वीनमेरी अस्पताल में 300 से ज्यादा प्रसूताएं भर्ती हैं।
अधिकतर महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना की कोई जानकारी नहीं है। मरीजों के मुताबिक उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती है। यदि कोई मरीज फार्म भरवाना चाहे तो यहां किसी के पास सही जानकारी नहीं है। सभी लोग टालमटोल करते हैं। ज्यादातर मरीज बिना लाभ पाए ही प्रसव के बाद घर चली जाती हैं। भर्ती मरीजों में करीब 40 फीसदी महिलाएं हैं, जिनके परिवार जागक नहीं और अशिक्षित हैं। ऐसे में वह फार्म नहीं भर पाते हैं। क्वीन मेरी अस्पताल के एक नंबर में बैठने वाली कर्मचारी भी किसी प्रकार से लोगों का फार्म भरने में सहयोग नहीं करते हैं।
आलमबाग निवासी सुनीता सिंह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पर 20 मार्च को पहले तल के यूनिट चार में भर्ती हुईं। दो अप्रैल को उन्होंने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। छुट्टी के बाद तीमारदार कई बार अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं पर उनका फार्म तक जमा नहीं हो पाया है। यहीं भर्ती प्रेमादेवी ने मंगलवार को शिशु को जन्म दिया। यहां पर उन्हें अब तक जननी सुरक्षा योजना की कोई जानकारी नहीं दी गई है। राजधानी की ही लक्ष्मी गुप्ता ने चार अप्रैल को एक बेटी को जना। तीमारदारों के अनुसार नर्स से पूछने पर भी उसने कोई जानकारी नहीं दी जबकि फार्म पर साफ लिखा हुआ है कि स्टाफ नर्स या आशा बहू इसे भरेंगी। लोगों का आरोप है कि फार्म भरने के बारे में ज्यादा जानकारी मांगों तो नर्स बदसलूकी पर उतर आती हैं।जननी सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने के लिए 14 सौ रुपये दिए जाते हैं।
आशा बहू रचना ने बताया कि प्रत्येक प्रसव पर निर्धारित धनराशि मिलनी चाहिए, लेकिन प्रसूता के फार्म जमा न होने के कारण योजना का आर्थिक लाभ नहीं पाता है। पहले यह राशि चेक के जरिए दी जाती दी थी लेकिन जब से बैंक खाते में सहायता राशि दी जाने लगी है। तबसे हमारी और मरीज की परेशानी बढ़ गई है। काकोरी निवासी तारादेवी आठ साल से आशा हैं। उन्होंने बताया कि इतनी मेहनत के बाद भी समय पर पए नहीं मिलते। क्वीनमेरी अस्पताल के पीआरओ ओंकार पुष्कर का कहना है कि कमरा नंबर एक में जननी सुरक्षा योजना का फार्म जमा किया जाता है। जिन मरीजों को फार्म जमा करवाना है, वे वहां करवा सकते हैं। योजना के लिए अलग से कोई काउंसलर मौजूद नहीं है। भर्ती के समय रेजिडेंट डॉक्टर ही मरीजों को जानकारी देते हैं। यदि किसी मरीज को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो वह कार्यालय में संपर्क करें।