सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को पब्लिक ऑथोरिटी घोषित करने का दिया निर्देश

सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राजनीतिक पार्टियों को रजिस्टर्ड और ऑथोरॉज्ड करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश सूचना के अधिकार के तहत दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई के तहत सभी राजनीतिक दलों को पब्लिक ऑथोरिटी घोषित करने वाली याचिका पर फैसला सुनाया है. यह फैसला शुक्रवार को सुनाया गया. कोर्ट ने इसके लिए कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस भी भेजा है. यह याचिका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर ये दायर की गई थी.

वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में सभी राजनैतिक दलों को आरटीआई एक्ट की धारा 2 के तहत पब्लिक अथॉरिटी घोषित करने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.

याचिका में यह भी मांग की गई है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को निर्देश दिया जाए कि वे चार सप्ताह के भीतर अपने अपने संगठन में सूचना अधिकारी और अपीलीय अथॉरिटी नियुक्त करें.

याचिका की कुछ बातें

1- जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29सी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिलने वाले दान की जानकारी भारत के निर्वाचन आयोग को दी जानी चाहिए. यह दायित्व उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.

2- राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की भारत के निर्वाचन आयोग की शक्ति उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.

चुनावी बॉन्ड पर SC बड़ा फैसला

चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी दल इस संबंध में 30 मई तक सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को जानकारी सौंपें. सभी दलों को 15 मई तक मिले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सीलबंद लिफाफे में 30 मई तक चुनाव आयोग को सौंप देनी होगी. इस जानकारी में चंदा देने वालों का ब्यौरा भी देना होगा.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles