नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ हुई बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने पिछले 48 घंटे के दौरान तीन राज्यों में जमकर कहर बरपाया। नतीजतन कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख प्रकट करते हुए इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये एवं घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। राजस्थान सरकार ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान में 25, मध्य प्रदेश में 13, गुजरात में 10 और बिहार में एक व्यक्ति की मौत हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी की नम हवाओं के कारण मौसम में जो बदलाव हुए, उसने यह कहर बरपाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “गुजरात के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बारिश और तूफान के कारण लोगों की जान चली गई। शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी सहानुभूति है। अधिकारी स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है।”
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं मणिपुर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में बीते मंगलवार रात बारिश व आंधी-तूफान से जानमाल की काफी क्षति हुई। उन्होंने कहा कि बारिश और आंधी-तूफान के कारण विभिन्न घटनाओं में हुई मौतों से वह दुखी हैं। इन घटनाओं से पीड़ित लोगों को केन्द्र सरकार हरसंभव मदद उपलब्ध कराएगी।”
राजस्थान में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। लगभग 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज़ हवाओं के कारण विभिन्न भागों में कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। इस बेमौसमी बारिश और तूफान में सूबे में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई है। झालावाड़ और जयपुर चार- चार, उदयपुर में पांच, बूंदी, जालोर और राजसमंद में दो- दो व अलवर, बारां, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, पाली और प्रतापगढ़ में एक- एक व्यक्ति की मौत हुई है। उदयपुर में पांच, हनुमानगढ़ व राजसमंद में चार- चार, टोेंक में दो और भीलवाड़ा व दौसा में एक- एक व्यक्ति घायल हुआ है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौतों पर संवेदना जताते हुए मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि आंधी, तूफान, बारिश और बिजली गिरने की इन घटनाओं में सरकार ने किसानों के दर्द को महसूस किया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सहायता जल्द से जल्द जारी करवाने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है। प्रदेश के आपदा राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा है कि नुकसान का जल्द आकलन कर किसानों को शीघ्र ही राहत दी जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बुधवार सुबह नुकसान प्रभावित इलाकों में जिला कलेक्टर्स से रिपोर्ट लेते हुए पांबद किया कि नुकसान का जल्द आकलन किया जाए।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार रात आई आंधी, बारिश और ओलावृष्टि होने से भारी नुकसान हुआ है। यहां आकाशीय बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जगह-जगह हुई बारिश और ओला गिरने से खेतों में खड़ी और काटकर रखी फसल को नुकसान पहुंचा है। मंडियों में खुले में रखे सैकड़ों क्विंटल गेहूं और लहसुन भीग गए। प्रदेश भर में हुई जनहानि पर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरा दु:ख जताया है।
मध्य प्रदेश के जनपद सीहोर के आष्टा में चलती बाइक पर पेड़ गिरने से एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। इंदौर के हातोद में एक ही परिवार के तीन लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर बिगड़े मौसम के चलते हुई जनहानि पर गहरा दु:ख जताते हुए पीड़ित परिवारों को ढांढ़स बंधाया है।
उत्तर गुजरात के तमाम जिलों में मंगलवार की रात और बुधवार तड़के आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओला वृष्टि से भारी तबाही हुई है। बड़े-बड़े ओले गिरने से वाहनों के शीशे चकनाचूर हो गए, सीमेंट की चादरों से बनी छतों को खासा नुकसान पहुंचा है। कुल 10 लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में लोग बेघर और घायल हो गए हैं। किसानों के अनुसार तरबूज और शकरकंद की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
बारिश के चलते शादी-ब्याह के मंडप धराशायी हो गए। किसानों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है। कच्छ के सुइगाम में 20 मिनट में करीब सात मिलीमीटर बारिश होने के चलते जगह-जगह जलभराव हो गया है। प्रदेश का मौसम ठंडा हो गया है। मार्केट यार्ड में रखी अनाज की बोरियां बुरी तरह से भींग गई हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। गुजरात सरकार के निदेशक (राहत) जीबी मंगलप्पा के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों से आ रही प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 10 लोगों की जान गई है। उत्तर गुजरात में ज्यादातर मौतें बिजली और पेड़ों के गिरने से हुई हैं।
पता चला है कि वहां होने वाली प्रधानमंत्री की रैली के लिए बनाए गए टेंट का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि मंच पर गण्यमान्य लोगों को छाया मुहैया करने के लिए जो व्यवस्था की गई है, वह काफी हद तक बरकरार है। रैली स्थल तूफान से गुंबद के कुछ हिस्से के साथ-साथ सजावट को भी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री आज हिम्मतनगर, सुरेंद्रनगर और आनंद में और गुरुवार को अमरेली में एक चुनावी रैली में भाग लेंगे।
बिहार के कटिहार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर मंगलवार रात अचानक आये आंधी-तूफान से शेड गिर गया। इससे पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी मो. बुल्लू की मौत हो गई, जबकि चार यात्री घायल हो गए। सीतामढ़ी जिले में आंधी-तूफान और सुबह में बारिश हुई। सीतामढ़ी में बुधवार को ओले भी पड़े। गया, सासाराम, रोहतास, भभुआ, नालंदा, औरंगाबाद, शेखपुरा, लखीसराय, बांका, मुंगेर, खगड़िया और जमुई में मौसम में बदलाव है और इनमें से किसी-किसी जिले में हल्की बारिश भी हुई है।