मुबंई: कई दिनों से विवादों में फंसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर अब सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग (EC) ने फिल्म को देखकर उसका अवलोकन किया. शुक्रवार को आयोग फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के अपने फैसले से जुड़ी एक रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा. जिसके बाद कोर्ट इसपर अपना फैसला सुनाएगा.
दरअसल, चुनाव आयोग ने फिल्म रिलीज से एक दिन पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए रिलीजिंग पर रोक लगा दी थी. वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ फिल्म की टीम की तरफ से चुनौती दी गई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फिल्म देखने की हिदायत दी. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस पर रोक लगाना उचित है या नहीं यह भी आयोग तय करे.
इधर मुबंई में फिल्म् टीम का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कि उनकी फिल्म के साथ न्याय किया जाएगा. लेकिन विपक्ष लगातार फिल्म पर रोक लगाने की मांग करता आ रहा है क्योंकि उसका कहना है इससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है. विपक्ष यह भी कह रहा है कि फिल्म रिलीज से एक पार्टी या व्यक्ति विशेष के प्रति मतदाता प्रभावित होंगे.
बता दें, कि फिल्म पर रोक लगाने का फैसला ऐसे समय में आया था जब 9 अप्रैल को सेंसर बोर्ड से इसे यू सर्टिफिकेट मिला था. दरअसल, लोकसभा चुनाव के चलते पूरे देश में इस समय आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में कांग्रेस कार्यकर्ता ने याचिका दाखिल की थी. हालांकि मंगलवार को कोर्ट ने इस फैसले पर सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी थी.
दरअसल, कोर्ट का कहना था कि ह फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि याचिका ‘अपरिपक्व’ है. क्योंकि फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड की तरफ से प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.