नामांकन रद होने के बाद भी नहीं मानी तेज बहादुर ने हार, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे चर्चित वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नामांकन भरने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद कर दिया गया है। निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी दो नोटिसों का जवाब देने बुधवार दोपहर 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ पहुंचे थे।

दोपहर बाद एक बजे निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर का नामांकन पत्र रद कर दिया। इससे नाराज तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए तेज बहादुर के समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया। तेज बहादुर के वकील राजेश गुप्ता ने बताया कि हमसे जो भी दस्तावेज मांगे गए, हमने दिए। इसके बाद भी नामांकन रद कर दिया गया। इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

इससे पहले मंगलवार को जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने तेज बहादुर यादव को बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा था।

तेज बहादुर से कहा कि आप बीएसएफ से प्रमाणपत्र लेकर आएं, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। जांच में पाया गया कि यादव ने पहले नामांकन में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति के कारण पदच्युत किया गया’ के सवाल पर ‘हां’ में जवाब दिया।

दूसरे नामांकन में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पहले नामांकन में गलती से ‘हां’ लिख दिया गया, बताया है। शपथ पत्र में बताया कि तेज बहादुर यादव सिंह को 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया, मगर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा पद धारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के कारण पदच्युत नहीं किया गया है।

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