केन्द्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा, ‘यह चुनाव 5 साल के हमारे परफॉर्मेंस के आधार पर है। हमारी नीतियां, हमारे किए हुए काम यही इस चुनाव में मुख्य विषय रहना चाहिए।’
नितिन गडकरी का बयान
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नहीं होते हैं। वो पूरे देश के होते हैं। दुर्भाग्यवश प्रधानमंत्री की गरिमा, मान-सम्मान के बजाय कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की ओर से उनके खिलाफ गंदी टिप्पणियां की गई हैं।
चुनाव में परफॉर्मेंस और काम मुद्दा न बने, इसके लिए कांग्रेस और पूर्ण विपक्ष दो बातों पर चुनाव को लेकर गये। एक दलितों, माइनोरिटी, SC-ST के मन में डर पैदा करना और दूसरा विकास के जो काम 5 साल में हुए, उस पर चर्चा न करके जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां करना।
1971 के युद्ध के दौरान अटल जी के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों ने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा जी का समर्थन किया था और कहा कि देश की सुरक्षा में हम साथ हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा के विषयों का भी राजनीतिकरण किया गया।
राजनीति में मतभिन्नता हो सकती है लेकिन मनभेद और दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए। यह दुर्भाग्य है कि इन लोगों अपनी सरकार में 1984 दंगे में जो लोग मरे थे, उनके परिवारों को न्याय नहीं दे पाए। दंगा कराने वाले जो लोग थे, उनको ये लोग सम्मान दे रहे हैं। जिन लोगों पर अत्याचार और अन्याय हुआ, उनको न्याय नहीं दे पाए वो क्या देश के गरीबों को न्याय देंगे।
कांग्रेस न्याय की बात करती है, पर जिस की विश्वनीयता न हो, उससे न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। कांग्रेस की पीढ़ियां गरीबी हटाओ की बात करती रही, लेकिन गरीबी हटी नहीं। अब राहुल जी भी वही बात कह रहे हैं, तो इनकी विश्वनियता कहां हैं? ये न्याय नहीं है, आज तक हुए अन्याय की बात है।
इस चुनाव में पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस एंड डेवलपमेंट यही हमारे मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। इसी के आधार पर हम जनता तक पहुंचे हैं और हमारी योजनाएं लोगों तक पहुंची हैं।
पूर्व आईएएस ने ज्वाइन की बीजेपी
नितिन गडकरी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस चैनी ने बीजेपी ज्वाइन की। खुद नितिन गडकरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।