राहुल गांधी: प्रधानमंत्री ने भारत के हितों और 1972 शिमला समझौते के साथ धोखा किया

कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है उसकी वजह से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान बातचीत करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा था और वह इसके लिए तैयार है। उनके इस बयान को भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का साफ कहना है कि कश्मीर द्वीपक्षीय मसला है और भारत इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता।

संसद में भी इस मसले पर काफी जादा बवाल हुआ। यहां तक की विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे तक लगी डाले। जबकि विदेश मंत्री लोकसभा और राज्यसभा में सफाई दे थे। इसके बावजूद विपक्ष का हंगामा जारी है। अब इस हंगामें मे राहुल गांधी भी हिस्सा ले चुके हैं। वायनाड से सांसद गांधी ने पूरे मसले पर प्रधानमंत्री से जवाब देने को कहा है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को राष्ट्र को बताना चाहिए कि उनके और ट्रंप के बीच क्या बात हुई थी।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा। यदि यह सत्य है तो प्रधानमंत्री ने भारत के हितों और 1972 शिमला समझौते के साथ धोखा किया है। एक कमजोर विदेश मंत्रालय के इनकार से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री को देश को बताना होगा कि उनके और ट्रंप के बीच क्या बात हुई।’

ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप का बयान कहा भ्रमपूर्ण और शर्मनाक –

ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के बयान को अमेरिकी कांग्रेस नेता ने भ्रमपूर्ण और शर्मनाक बताया है। अमेरिकन कांग्रेस नेता ब्रैड शेरमैन ने कहा कि हर कोई जानता है कि पीएम मोदी कभी भी इस तरह का सुझाव नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जो दक्षिण एशिया में विदेश नीति के बारे में समझता है वो जानता है कि भारत लगातार कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का बयान पूरी तरह से भ्रमपूर्ण और शर्मनाक है।

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