पठानकोट एयरबेस में तैनात किए गए 8 अपाचे हेलीकॉप्टर, वॉटर कैनन से दी गई सलामी

जम्मू-कश्मीर पर धारा 370 लागू होने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहोत जादा बढ़ गया है। इसी बीच पाकिस्तानी सीमा के करीब पठानकोट एयरबेस पर अमेरिका से मिले अधुनिक तकनीक वाले आठ अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात हो गए हैं। तैनाती से पहले अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वॉटर कैनन से सलामी दी गई।

पठानकोट एयर बेस पर तैनाती से पहले एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार ने अपाचे हेलिकॉप्टरों की पूजा की। बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ता ने अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को चाबी सौंपी। इस एयरबेस पर अपाचे की तैनाती से भारतीय एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी।

बतादें कि, अपाचे एक मल्टी रोल कॉम्बैट हेलिकॉप्टर है। दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टर्स की सप्लाई की है। भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टनर है जो विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा। वायुसेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्ते माल वर्षों से कर रही है,जो रिटायरमेंट के कगार पर है। अपाचे दुश्मसन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है। यह 293 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है तथा एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है। ये हेलिकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं। ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं।

अमेरिकी सेना भी करती है इस्तेमाल

भारतीय वायुसेना अमेरिका से मिल रहे 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों को पठानकोट और चीन बार्डर की सुरक्षा के लिए असम के जोरहट में तैनात करेगी। AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है। इसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना भी करती है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।

पहली डिलीवरी तय समय से पहले

यह हेलिकॉप्टरों का पहला बेड़ा है। हेलिकॉप्टर पहली डिलीवरी तय समय से पहले हुई है। भारतीय वायुसेना साल 2020 तक 22 अपाचे हेलिकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी।वायुसेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में पहली सफल उड़ान पूरी की थी। वायुसेना के पहले बैच ने साल 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया था।

सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता यह हेलिकॉप्टर

वायुसेना के पीआरओ अनुपम बनर्जी ने कहा कि अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया जा रहा है। अभी हमारे पास 8 विमान हैं। 22 विमान चरणबद्ध तरीके से आएंगे और उन सभी को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। हमने पहले भी हेलिकॉप्टर से हमले किए हैं, लेकिन यह हेलिकॉप्टर बहुत सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता है।

पठानकोट पर तैनाती क्यों

पठानकोट एयरबेस रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यह एयरबेस पाकिस्तानी सीमा से लगभग 150 किलोमिटर की दूरी पर है। वहीं दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 450 किलोमिटर है। यही नहीं 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस में घुसकर पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने हमला किया था। उन्हें खत्म करने के लिए दिल्ली से एनएसजी कमांडो बुलाने पड़े थे। ऐसे में इन हेलिकॉप्टर्स की तैनाती से इस स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा।

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