नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल कल मुख्यमंत्री पद शपथ लेगें। लेकिन केजरीवाल का शपथ ग्रहण समारोह बीजेपी और कांग्रेस का रास नहीं आ रहा हैं। बीजेपी ने शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों को बुलाए जाने पर निशाना साधा है। बीजेपी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल शिक्षकों को जबरन शपथ ग्रहण में बुला रहे हैं। जिस पर आम आदमी पार्टी ने भी जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी को शिक्षकों का सम्मान करना सीखना चाहिए।
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पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने केजरीवाल पर शिक्षकों को जबरन शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने का आरोप लगाया. वहीं, पश्चिम दिल्ली से कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने भी इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश की. जवाब में मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों पार्टियों पर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस और बीजेपी को शिक्षकों का सम्मान करना नहीं आता.
सिसोदिया ने कहा कि ये लोग कि दिल्ली का विधानसभा चुनाव देश का पहला ऐसा चुनावा है, जिसमें शिक्षा का काम, पूरी जनता में तारीफ बनकर उभरा है। बहुत सारे शिक्षक उत्सुक हैं और शपथ ग्रहण में आना चाहते हैं।आम आदमी पार्टी शिक्षक का सम्मान करती है और जानती है इसलिए इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। जो शिक्षक आना चाहते हैं वे आएं, जो नहीं आना चाहते हैं वो न आए। और जो आना चाह रहे हैं उनके लिए सरकार ने व्यवस्था कर रखी है।
उन्होंने कहा कि जनता ने केजरीवाल मॉडल ऑफ डेवलपमेंट को जिताया है, ये उनकी जीत है. इस जीत से लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त मददगार सरकार मिली है. साथ ही मनीष सिसोदिया ने बताया कि शपथ ग्रहण के दौरान दिल्ली के लोग ही मुख्य अतिथि होंगे.
उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शहीदों के परिवार भी शामिल होंगे. इनके अलावा दिल्ली को बनाने वाले उद्योगपति, वकील, पत्रकार, छात्र, बस-ऑटो ड्राइवर, किसान और सोशल वर्कर भी शामिल होंगे.