कोरोना के खिलाफ देश में लागू संपूर्ण लॉकडाउन को खत्म होने में अब कुछ ही दिन बाकी है। वहीं, दूसरी तरफ इस वायरस से संक्रमित लोगों की गिनती में तेजी से इजाफा भी हो रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या यह 21 दिनों का लॉकडाउन आगे भी चलेगा? क्या देशवासी अपने घरों से बाहर आ पाएंगे या उन्हें 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन जैसे हालात से ही गुजरना पड़ेगा।
इसे लेकर अब सरकार की तरफ से रिएक्शन भी आ गया है। सरकार लॉकडाउन को अलग-अलग फेज में हटाएगी। यानी जैसे 24 मार्च की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पूरे देश में एक साथ 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था, लेकिन शायद 14 अप्रैल के बाद पूरे देश से एक साथ लॉकडाउन खत्म होने की संभावना नहीं हैं।
लॉकडाउन को लेकर सरकार की योजना ये है कि जो इलाके कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, वहां लॉकडाउन जारी रखा जाए। यानी देश के वो इलाके जहां-जहां से कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं और जहां से भविष्य में कोरोना के फैलने की आशंका है वैसे इलाकों में लॉकडाउन जारी रखा जाये।
ऐसे में 14 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में लॉकडाउन खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन धारा 144 को लागू रखा जाएगा ताकि एक जगह भीड़ जमा ना हो। और कोरोना के फैलने का खतरा लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी न बढ़े।
जानकार के मुताबिक, रेल और हवाई सेवा पर रोक 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकती है। 30 अप्रैल तक ये दोनों सेवाएं बंद रखी जा सकती हैं। इसके अलावा बस सेवा भी बंद रखने का प्लान है। और प्राइवेट गाड़ियों पर भी रोक जारी रखने की योजना है।
आपको बता दे कि अचानक लॉकडाउन होने की वजह से बहुत से लोग जहां थे वहीं फंसे हुए हैं। इनमें कई लोग अपने परिवारों से भी दूर हो गए हैं। ऐसे लोगों के लिए सरकार की योजना स्पेशल पास देने की है। इन लोगों को मेडिकल चेकअप कराने के बाद स्पेशल पास देकर अपने-अपने घर जाने दिया जाएगा।
इन तमाम मसलों पर राज्य सरकारों का एक्शन प्लान आना अभी बाकी है। इस सप्ताह के आखिर तक जिला प्रशासन के मूल्यांकन के आधार पर सभी राज्य अपनी-अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी, जिसके आधार पर मोदी सरकार रोडमैप तैयार करेगी।
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javedkar) से इस बारे में सवाल पूछ गए तो उन्होंने कहा कि “हम हर मिनट दुनिया की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। राष्ट्रहित में निर्णय लिया जाएगा। सही समय आने पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा और आप लोगों को जानकारी दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के कई समूह स्थिति का आंकलन कर रहे हैं”।
बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि देश में जारी कोरोना संकट को देखते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी सांसद एक साल तक अपने वेतन में 30% तक कटौती करेंगे।
हालांकि, 14 अप्रैल को भले ही 21 दिन के लॉकडाउन की समयसीमा पूरी हो रही है लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि उसके बाद पूरे देश को लॉकडाउन से राहत मिल जाए। और अगर कहीं लॉकडाउन हटाया भी जाता है तो धारा 144 लागू रखी जा सकती है ताकि कोरोना वायरस के फैलने का खतरा कम हो सके।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के फैसले को सफल बनाने के लिए नोएडा में धारा 144 को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। इसका उल्लंघन होने पर IPC की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना वायरस के कारण लगाए गए 21 दिन के लॉकडाउन को केंद्र सरकार बढ़ा सकती है। कई प्रदेश सरकारों ने लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है। एक्सपर्ट्स ने भी लॉकडाउन को और कुछ हफ्तों के लिए बढ़ाने की बात कही है। केंद्र सरकार भी लॉकडाउन को बढ़ाने पर विचार कर रही है।