नई दिल्ली। इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में जुटी है। हर कोई चाहता है कि जल्द से जल्द से खतरनाक वायरस के खात्मे का तोड़ मिल जाए। इसके लिए भारत भी जोरों-शोरों से काम में जुटा है। भारत में वैक्सीन बनाने की जिम्मा उठाया है पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने। अब इसके सीईओ अडर पूनावाला का बड़ा बयान सामने आया है। उनका कहना है कि अगर ट्रायल सफल रहा, तो कोरोना वायरस की वैक्सीन इसी साल सितंबर या अक्टूबर तक आनी संभव है। इसकी कीमत 1000 रुपये हो सकती है।
परीक्षण सफल रहा, तो सितंबर-अक्टूबर तक मार्केट में होगी वैक्सीन
पूनावाला का कहना है कि हम कोरोना की वैक्सीन के एडवांस परीक्षण से पहले ही इसके उत्पादन का जोखिम उठाने को भा तैयार है। अगर ये बनकर तैयार हो गया, तो इसकी कीमत एक हजार रुपये होगी। उन्होंने ये भी बताया कि अगले महीने की आखिर से इसका उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। अगर वैक्सीन का परीक्षण सफल रहा, तो सितंबर-अक्टूबर तक ये मार्केट में भी आ जाएगी।
सितंबर या अक्टूबर तक पहली खेप होगी तैयार!
अडर पूनावाला का कहना है कि ब्रिटेन ने अभी कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की घोषणा की है, जबकि हमने उत्पादन की पहल कर दी है। सबकुछ परीक्षण पर निर्भर करता है। अगर परीक्षण सफल रहा है, तो हम इसके पहली खेप सितंबर या अक्टूबर तक तैयार कर देंगे। उन्होंने ये भी बताया कि आखिर उन्होंने एडवांस परीक्षण से पहले ही उत्पादन शुरू करने का निर्णय क्यों लिया। इसपर उनका कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि ट्रायल सफल होने पर बिना देरी के इसे तत्काल उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि हम मई में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी कर लेंगे। अडर पूनावाला कहते हैं, ‘हम पूरी तरह से कोविड-19 की वैक्सीन बनाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए हमने पुणे के अपने कारखाने में 500-600 करोड़ रुपये का निवेश भी किया है। हम अगले 2-3 साल में केवल कोविड-19 की वैक्सीन बनाने के लिए एक नए कारखाने का भी निर्णाण करेंगे।’
कब और कितना उत्पादन?
पूनावाला ने ये भी बताया कि वैक्सीन का उत्पादन कब और कितना शुरू होगा। उनका कहना है कि अगले तीन हफ्ते में मौजूदा ईकाइयों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। हर महीने 40-50 डोज बनाएंगे। फिर उत्पादन को बढ़ाकर हर महीने एक करोड़ तक कर दिया जाएगा। सितंबर-अक्टूबर तक उत्पदान को बढ़ाकर हर महीने 4 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद हम इसे दूसरे देशों में भी निर्यात करने के लिए तैयार हैं।
पुणे की है कंपनी
- पुणे स्थिति सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना अडर पूनावाला ने 1966 में की थी।
- ये वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है, जो हर साल 1.5 अरब डोज तैयार करती है।
- दुनिया के 65 फीसदी बच्चों को इसी कंपनी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
- इस कंपनी के अलावा कोरोना की वैक्सीन बनाने के काम में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका की बायोटेक कंपनी कोडाजेनिक्स भी जुटी है।