Coronavirus: हरियाणा को दिल्ली से खतरा, सील किया फरीदाबाद-दिल्ली बॉर्डर;डॉक्टर-पुलिस की भी नो-एंट्री

नई दिल्ली। दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर सील होने के बाद अब फरीदाबाद-दिल्ली बॉर्डर भी सील होने जा रहा है। ऐसे में हरियाणा से दिल्ली कामकाज के लिए आने वाले लोगों को मुश्किलें बढ़ सकती है। कोरोना के संकट को देखते हुए अब दिल्ली बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। दरअसल, हरियाणा सरकार को ऐसा लगता है कि दिल्ली आने-जाने वाले लोगों से राज्य को खतरा है। जिसके चलते आज से फरीदाबाद के सारे बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे, दोपहर 12 बजे के बाद तक ही एंट्री ली जा सकेगी और 12 बजे के बाद डॉक्टर्स, बैंककर्मी और पुलिसकर्मियों की भी नो-एंट्री रहेगी। केवल केंद्र सरकार के जारी पास से ही बॉर्डर से आने-जाने की छूट मिलेगी। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का स्पष्ट कहता है कि दिल्ली या फिर आसपास के राज्यों से वो हरियाणा को कोरोना से संक्रमित नहीं होने देंगे। इसी के चलते ये फैसला लिया गया है।

दिल्ली की वजह से हरियाणा में संक्रमण बढ़ रहा : अनिल विज

इसके चलते दिल्ली से सटी हरियाणा की सभी सीमाओं पर पूछताछ सख्त कर दी गई है। काम के सिलसिले में गुरुग्राम और फरीदाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों के पास चेक किए जा रहे हैं। हालांकि, लॉकडाउन की वजह से पहले से ही लोगों की आवाजाही सीमित हो गई है, लेकिन अब हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों की भी दिल्ली आवाजाही पर सख्ती कर दी गई है। दरअसल, हरियाणा सरकार को ये भय सता रहा है कि दिल्ली आने-जाने से कोरोना के संक्रमण का खतरा राज्य पर मंडरा सकता है। हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी कहा कि दिल्ली की वजह से हरियाणा में संक्रमण बढ़ रहा है। दरअसल, राजधानी दिल्ली में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर पुलिसकर्मी और यहां तक की राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट और नीति आयोग जैसे बड़े सरकारी संस्थानों तक भी संक्रमण फैल चुका है।

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गौरतलब है कि फरीदाबाद-दिल्ली बॉर्डर से पहले एहतियात के तौर पर दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डरों को भी सील किया जा चुका है। दिल्ली में पैर पसारता कोरोना आसपास के राज्यों को भी डरा रहा है। ऐसे में ये एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़कर तीन हजार के पास हो चुकी है, जबकि 54 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

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