नई दिल्ली,। कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के दौर ने भारतीय अर्थव्यवस्था रसातल में पहुंचा दिया है। पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिये अबतक का सबसे बड़ा डोज दिया। मोदी ने 20 लाख करोड़ का महापैकेज दिया। पीएम ने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया। जीडीपी के 10 फीसदी हिस्से से खस्ताहाल इकोनॉमी की गाड़ी के फिर से पटरी पर लाने की कवायद है। ये बड़ा कदम माना जा रहा है। इस दौर में उद्योग धंधे बंद है, आवाजाही बंद है। बाजार का बड़ा हिस्सा बड़े नुकसान की ओर है।
माना जा रहा है बंद पड़ी तमाम इण्डस्ट्री को मदद मिलेगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। उन्होंने कहा कि इसमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ सभी पर बल दिया गया है।
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पीएम ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, एमएसएमई के लिए है जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है और जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।
मोदी ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के श्रमिक और किसानों के लिए है और मध्यम वर्ग के लिए भी है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है और देश के विकास में अपना योगदान देता है।
काम आये 6 वर्षों के सुधार
पीएम ने कहा, “आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं। आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है। ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए “वोकल” बनना है।