नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। पैदल चलते.. घिसटते.. मरते.. मजदूरों के लिए बसों के इंतजाम के मुद्दे पर सियासत जारी है। नोएडा के एक थाने में कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ बिना मंजूरी बस इकट्ठा करने का मामला दर्ज हो गया है। कल रात प्रियंका गांधी के सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज हुआ है। वहीं, भाजपा बसों का फिटनेस टेस्ट करा रही। यूपी में सियासी दंगल हो और सपा-बसपा इसमें ना कूदे, यह तो असंभव है। मायावती ने कांग्रेस भाजपा दोनों ही पार्टियों को घेरा है। अखिलेश यादव, भाजपा की आलोचना में कसीदे पढ़ रहे हैं। मजदूरों की मदद का मुद्दा अब कहीं नहीं दिख रहा। मजदूर भी सब समझ रहा है और इस सियासी ”जाम” से किनारा कर पैदल चल रहा है। आइये आपको बताते हैं प्रियंका गांधी की तरफ से 1000 बसों के ऑफर व भाजपा का बसों के इनवेस्टिगेशन से लेकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज होने तक की दिलचस्प सियासी कहानी..
कांग्रेस का 1000 बसों का ऑफर
बीती 16 मई को कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मजदूरों की बदहाली को देखते हुए खत लिखा था और 1000 बसों को चलाने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने खत भेजने के बाद ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा था, ”आज यूपी सरकार को पत्र लिखकर कांग्रेस की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी है। रोज होती दुर्घटनाएं, असहनीय पीड़ा, अमानवीय हालात। हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। मैंने सरकार से पहले भी अपील की है कि कृपया बसें चलाकर पैदल चल रहे मजदूरों को घर पहुंचाएं। केवल आज के ही दिन में 3 भीषण दुर्घटनाएं घट गईं। ये मजदूरों को अकेले छोड़ देने का वक्त नहीं है। आशा है उप्र सरकार से सकारात्मक जवाब आएगा।”
योगी सरकार ने नजरअंदाज किया कांग्रेस का ऑफर
योगी सरकार को पत्र लिखने के बाद कांग्रेस ने कहा था लगभग 400 बसें बहाज गोवर्धन सीमा पर पहुंच गई थीं। प्रियंका गांधी ने राजस्थान के अलवर और भरतपुर से प्रवासियों को ले जाने के लिए 500 बसों की व्यवस्था की है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इन्हें यूपी सरकार से राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। बीते शनिवार को प्रियंका गांधी ने औरैया में हुई दुर्घटना के बाद प्रवासियों के लिए 1000 बसों को अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा था। इस हादसे में 24 लोगों की जान चली गई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ऐसे समय में इन चार्टर्ड बसों का खर्च वहन करेगी, जब प्रवासियों को सुरक्षित घर लौटने में मुश्किल हो रही है। प्रियंका द्वारा खत लिखकर बसों के संचालन की अनुमति को उत्तर प्रदेश सरकार ने अस्वीकार कर दिया था।
प्रियंका की मांग मान गई योगी सरकार
बसों पर छिड़ते विवाद के बीच 18 मई को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के संबंध में आपके (प्रियंका गांधी) प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अतः अविलंब 1000 बसों की सूची चालक परिचालक का नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।
भेजी गई बसों की लिस्ट
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक हजार बसों की सूची ई मेल कर दी। इसी के साथ संदीप सिंह ने कहा कि हम कल बसों को दोबारा बॉर्डर पर चलने के लिए तैयार कर देंगे। 1000 बसों की सूची इस ईमेल के साथ अटैच की गई है। इनमें से कुछ चालको का दोबारा वेरिफिकेशन कर उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचाई जाएगी। आशा है जल्द से जल्द इन बसों के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध करा देंगे। इन बसों का कल ही संचालन चालू करवा देंगे और इन बसों के रूट की पूरी जानकारी और समय सारणी जनसाधारण को उपलब्ध करा देंगे।
प्रियंका गांधी ने दिया धन्यवाद
कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए कांग्रेस के एक हजार बस चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया कि महामारी के समय इंसान की जिंदगी को बचाना, गरीबों की रक्षा करना, उनकी गरिमा की हिफाजत करना हमारा नैतिक दायित्व और अधिकार है। कांग्रेस इस कठिन समय में अपनी पूरी क्षमता और सेवाव्रत के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। ये बसें हमारी सेवा का विस्तार हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद…। आपको उप्र कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूं कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उत्तर प्रदेश के अपने भाई-बहनों के साथ इस संकट का सामना करने के लिए खड़े रहेंगे।
बसों का फिटनेस टेस्ट
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से प्रियंका के निजी सचिव को चिट्ठी लिख कर कांग्रेस द्वारा भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र और ड्राइवरों का पूरा ब्योरा मांगा। उन्होंने लिखा कि कृपया समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ परिचालक का पूर्ण विवरण मंगलवार सुबह 9 बजे वृंदावन योजना सेक्टर 15-16 में जिलाधिकारी लखनऊ को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
प्रियंका के निजी सचिव ने रात 2 बजे लिखा पत्र
प्रियंका गांधी ने निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिख जवाब दिया कि आपने 1000 बस तमाम दस्तावेजों सहित लखनऊ में सुबह 10:00 बजे बसें हैंडओवर करने की बात कही है। उन्होंने लिखा कि 1000 खाली बसे लखनऊ भेजना ना सिर्फ समय की बर्बादी और संसाधन की बर्बादी है। उन्होंने लिखा कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है। इसके बाद यूपी सरकार ने दोपहर 12 बजे तक पांच सौ बस गाजियाबाद और 500 बस गौतमबुद्ध नगर में भेजने को कहा। सरकार की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इन बसों को परमिट, ड्राइवर के डीएल आदि के साथ भेजे। वहां मौजूद अधिकारी इनकी जांच करके इनका उपयोग करेंगे।
कांग्रेस की 1000 बसों की सूची में 31 ऑटो, 69 एंबुलेंस-ट्रक शामिल
उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए सौंपी गई 1000 बसों की सूची में कई दो पहिया और कार जैसे वाहनों के पंजीकरण नंबर हैं। यूपी सरकार ने बताया कि कुल 1049 वाहनों की सूची प्राप्त हुई, जिसमें से 879 बसें हैं और 31 ऑटो हैं। इसके अलावा 69 एंबुलेंस, ट्रक, टीसीएम, मैजिक, स्कूल बस, निजी कार हैं। जबकि 70 का डाटा ही उपलब्ध नहीं है। सरकार ने परिवहन अधिकारी से वाहनों के नंबर की जांच कराई, जिसमें ये बात सामने आई। परीक्षण के अनुसार, 59 वाहनों की फिटनेस की वैधता की अवधि समाप्त पाई गई एवं 29 वाहनों के इंश्योरेंस समाप्त या अनुपलब्ध पाए गए।
शुरू हुआ बयानबाजी का खेल..
-कांग्रेस महासचिव ने कहा- “उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पायीं गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए। हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जाँच कीजिएगा.. लोग बहुत कष्ट में हैं दुखी हैं, हम और देर नहीं कर सकते।”
-प्रियंका गांधी ने मंगलवार को अपने ट्वीट में लिखा-” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्ही तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।”
-उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बसों में दूसरे वाहनों को लेकर कहा, यह कांग्रेस का ‘बस घोटाला’ है। वहीं दूसरे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है। कांग्रेस को प्रवासी श्रमिकों और सरकार से अपने कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि इन्होंने नाटक कर दिगभ्रमित करने का काम किया है।
-इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रियंका गांधी पर हमला बोला। पात्रा ने कहा कि प्रियंका ने यूपी सरकार को कथित रूप से जो बसों की सूची सौंपी है उसमें काफी गाड़ियां ‘अनफिट’ हैं। इनमें एंबुलेंस, कार, ट्रैक्टर और स्कूटर के नंबर भी दिए गए हैं।
-उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। लल्लू ने कहा, “सरकार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। राजनीति करने के लिए जानबूझकर फर्जी नंबर गढ़े गए हैं। हमने बसों के नंबर दिए है। हम उन्हें सार्वजनिक कर सकते हैं, आप चाहे तो उन्हें सत्यापित करा सकते हैं।”
-योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की ओर से भेजी गई सूची की हमने शुरुआती जांच कराई है। यह पता चला है कि जिन बसों का विवरण भेजा गया है, उनमें से कई वाहन दोपहिया, ऑटो और माल ढोने वाली गाड़ियां हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस इस तरह की धोखाधड़ी क्यों कर रही है।
-बस पर छिड़ी सियासी जंग पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ”उप्र की सरकार बसों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट के बहाने प्रवासी मज़दूरों को सड़कों पर उत्पीड़ित कर रही है। भाजपा सरकार ख़ुद अपने फिटनेस का सर्टिफिकेट दे कि इस बदहाली में क्या वो देश-प्रदेश चलाने के लायक है। अब कहाँ हैं पूरी दुनिया में भारत की उज्ज्वल होती छवि का ढिंढोरा पीटनेवाले।”
-पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर बीजेपी व कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। कहीं ऐसा तो नहीं ये पार्टियाँ आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रासदी पर से ध्यान बाँट रही हैं? यदि ऐसा नहीं है तो बी.एस.पी. का कहना है कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिये तो यह ज्यादा उचित व सही होगा।
यूपी सरकार ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी से पूछे सवाल
-जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल क्यों भेज रहे हैं?
-औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है। एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था। प्रियंका जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी ? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?
-प्रियंका गांधीजी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें।
-देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है।
-अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?