राजसत्ता एक्सप्रेस। मुंबई के एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। कोरोना काल में जहां सभी को फूंक-फूंककर कदम रखने यानी सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में मुंबई के इस अस्पताल की वजह से 40 लोगों को क्वारंटाइन करने पर मजबूर होना पड़ा है। दरअसल, मुंबई के वसई इलाके में प्राइवेट अस्पताल ने एक मरीज के शव को बिना कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार किए उसके परिवारवालों को सौंप दिया। इसके बाद कई लोगों की मौजूदगी ने परिवार ने मरीज का अंतिम संस्कार किया। ये सब हो जाने के बाद अस्पताल को खबर लगी कि मृत तो कोरोना संक्रमित था। ये खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया। मरीज के परिवार वालों और रिश्तेदारों में भी खलबली मच गई।
40 लोग चिह्नित कर क्वारंटाइन
जैसे ही इसकी सूचना प्रशासन को लगी, उसने 40 लोगों को चिह्नित कर क्वारंटाइन कर दिया। मृत मरीज के परिजनों ने भी अस्पताल की इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कोरोना रिपोर्ट का इंतजार किए बिना अस्पताल ने शव को उन्हें क्यों सौंप दिया। दरअसल, लीवर फेल होने के कारण मरीज की मौत हुई थी, ऐसे में परिजनों ने इसे भी ऐहतियात न बरतकर तकरीबन 500 लोगों की उपस्थिति में मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।
महामारी का प्रोटोकॉल क्या कहता है
महामारी के प्रोटोकॉल के तहत किसी भी मृत मरीज का अस्पताल में सबसे पहले कोरोना टेस्ट होगा, उसके बाद ही उसका शव परिजनों को सौंपा जाएगा। ताकि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार परिजन मरीज के अंतिम संस्कार का प्रबंध कर सकें और जरूरी एहतियातों का पालन किया जा सकें।
लीवर फेल होने से हुई थी मौत
बता दें कि अरनाला के 55 साल के मरीज को लीवर की समस्या सामने आने के बाद कार्डिनल ग्रेशियस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जिसके बाद उनके शव का कोरोना टेस्ट कराया गया, लेकिन रिपोर्ट आने का इंतजार किए बिना ही मृतक के परिजनों को उनका शव सौंप दिया गया।
मरीज के शव को लेकर उसके परिजनो अरनाला गांव पहुंच गए और श्मशान घाट पर तकरीबन 500 लोगों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वसई तालुका के स्वास्थ्य अधिकारी बालासाहेब जाधव ने बताया कि जैसे ही मृतक के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली, प्रशासन ने मरीज के संपर्क में आए ज्यादा जोखिम वाले 40 लोगों को चिह्नित किया और उन्हें क्वारंटाइन किया गया। वहीं, अंतिम संस्कार में शामिल अन्य लोगों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है।
अस्पताल की सफाई
इस मामले में अस्पताल को नोटिस भेजा गया है। कहा जा रहा है कि मामले की जांच कर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस घटना पर के जनरल मैनेजर ने अपनी सफाई में कहा है कि कोरोना मरीजों के शवों को हैंडओवर करने के दौराम हम सभी जरूरी सावधानी बरत रहे हैं। ताजा मामले मे भी कोई लापरवाही नहीं हुई है। उनका कहना है कि मृतक को कोरोना मरीज के तौर पर भर्ती नहीं किया गया था। कई बार शव को रिलीज करने के लिए भी फोन आए. उनका कहना है कि मृतक के परिजनों को भी इस बात का ख्याल करना चाहिए था कि वो अंतिम संस्कार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते।