लखनऊ: बलिया (Ballia Firing) के दुर्जनपुर हत्या और गोलीकांड में यूपी पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह (Dhirendra Pratap Singh) की रिमांड खत्म होन से पहले ही हत्यकांड में इस्तेमाल की गई रिवाल्वर बरामद कर ली है। गुरुवार को ही पुलिस ने हत्याकांड का सीन रिक्रिएट कर मामले को समझने की कोशिश की थी। शुक्रवार की सुबह धीरेंद्र के घर के पास ही नीम के पेड़ के नीचे गाड़कर रखा गया हथियार पुलिस ने बरामद कर लिया है। यह वही रिवाल्वर है जिसका लाइसेंस भी धीरेंद्र के पास है। जिसे कैंसिल कराया जा रहा है। वहीं थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि धीरेंद्र ने बयान दिया है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी।
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घर के पास ही मिला हथियार
हत्यारोपी धीरेंद्र इस वक्त बलिया पुलिस की कस्टडी में है। पूछताछ के लिए पुलिस को 48 घंटे का वक्त मिला था। जिसके बाद गुरुवार को पुलिस धीरेंद्र को लेकर दुर्जनपुर गांव और घटना का सीन रिक्रिएट कराया। उसकी निशानदेही के आधार पर ही घर के दक्षिण में स्थित नीम के पेड़ के नीचे मिट्टी में दबाए गए रिवाल्वर को बरामद किया गया। पुलिस को झाड़ी के पास से कुछ खोखे भी मिले हैं, जो संभवत: 14 अक्टूबर को ही चलाए गए हैं।
पुलिस ने रि-क्रिएट किया क्राइम सीन
बता दें कि रिमांड के दौरान पुलिस ने आरोपी धीरेंद्र से वारदात के अलावा वो सवाल भी किए जो एफआईआर में दर्ज थे। आरोपी से पूछताछ के समय रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में हुई हत्याकांड को लेकर ही नहीं बल्कि हत्या से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी ली गई। इस दौरान आरोपी धीरेद्र प्रताप सिंह के वकील ब्रजेश सिंह भी कमरे के बाहर बैठे रहे।
दुर्जनपुर में पुलिस बल तैनात
दुर्जनपुर कांड के बीते एक सप्ताह बाद वहां की स्थिति लगभग सामान्य हो चुकी है। लोग अपने काम धंधे में व्यस्त हो चुके हैं बावजूद इसके मृतक व आरोपी के दरवाजे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उल्लेखनीय है कि कोटे के दुकान पर मारपीट व झगड़ा होने के बाद गोली लगने से जयप्रकाश पाल की मौत हो गई थी जिसके बाद गांव में भारी तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। हालत को देखते हुए पुलिस ने तेजी दिखाते हुए मुख्य आरोपी धीरेन्द्र सिंह उर्फ डब्लू समेत ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद ही गांव में हालात पहले जैसे होने लगे हैं। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि अब यहां इतनी संख्या में पुलिस बल की तैनाती गैर जरूरी है क्योंकि गांव में कहीं तनाव नहीं है।