नई दिल्ली: शुक्रवार को बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन यूजर्स आधार नंबर लागू करनेवाली एजेंसी यूआईडीएआई के टॉल फ्री नंबर के अपने फोनबुक में अपने आप सेव हो जाने से भौंचक हो गए. इसके तुरंत बाद लोगों की निजता से जुड़ी चिंताएं सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं. इसके बाद यूआईडीएआई और दूरसंचार कंपनियों ने इस घटना में अपनी भूमिका होने से इनकार किया. देश में हजारों स्मार्टफोन यूजर्स शुक्रवार को हक्के-बक्के रह गए, जब उन्होंने पाया कि यूआईडीएआई का टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर उनके फोन बुक में खुद से सेव हो गया है.
इस वजह से सेव हुआ था आधार हेल्पलाइन नंबर
स्मार्टफोन में अपने आप आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने को लेकर मचे विवाद के बीच एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी गूगल ने माफी मांगी है. गूगल ने कहा है कि अनजाने में स्मार्ट फोन में नंबर सेव हुआ है, लेकिन एंड्रॉयड सिस्टम हैक नहीं हुआ.
गूगल ने बयान जारी करके कहा, ‘हमारे इंटरनल रिव्यू में सामने आया है कि साल 2014 में यूआईडीएआई और अन्य 112 हेल्पलाइन नंबर एंड्रॉयड के सेटअप विजार्ट में कोड कर दिए गए थे. य़े नंबर एक बार यूजर की कॉन्टेक्ट लिस्ट में आ जाएं तो डिवाइस बदलने के बाद भी अपने आप नए डिवाइस में आ जाते हैं. ‘
इसके आगे गूगल ने कहा, ” लोगों को इसके कारण हुई परेशानी के लिए हमें खेद है. लोगों को हम आश्वस्त करते हैं कि एंड्रॉयड फोन में किसी भी तरह की अन ऑथराइज्ड एक्सेस नहीं है यानी कोई एंड्रॉयड डिवाइस हैक नहीं हुआ है. इस नंबर को यूजर्स मैनुअली डिलीट कर सकते हैं. हम आने वाले एंड्रॉयड सेटएप विजार्ट से इसे हटाने पर काम करेंगे.
ये है मामला-
शुक्रवार की सुबह कई हजारों स्मार्टफोन यूजर्स को उस समय झटका लगा जब उन्होंने अपने फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का ट्रोल फ्री नंबर देखा. यूआईडीएआई का ये नंबर टोल फ्री नंबर अचानक कई स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में डिफॉल्ट रुप में सेव हो गया. ट्विटर पर यूजर्स ने इस ऑटो सेविंग पर सवाल उठाया है. आखिर लोगों की कॉन्टेक्ट लिस्ट का एक्सेस UIDAI कैसे कर सकता है.
इसके बाद ट्विटर पर हैश यूआईडीएआई ट्रेंड करने लगा और स्मार्टफोन यूजर्स अपना स्क्रीन शॉट लगाकर खुद की निजता को लेकर चिंता जाहिर करने लगे.
एक यूजर ने सेव्ड नंबर का स्क्रीन शॉट ट्वीट करते हुए लिखा, “यह कोई मजाक नहीं है. मेरे फोन में भी ऐसा हुआ है. मैंने इस नंबर को सेव नहीं किया था. जल्दी से अपना फोन भी चेक करें, मुझे चिंता हो रही है.”
एक दूसरे यूजर ने ट्वीट किया, “ये कैसे हुआ कि यह नंबर मेरे फोन बुक में आ गया? अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो आप गतिविधियों की निगरानी भी कर सकते हैं.”
एक फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ एलियट एल्डरसन ने यूआईडीएआई से ट्विटर पर पूछा, “कई लोग, जिनके अलग-अलग सेवा प्रदाता है, चाहे उनके पास आधार कार्ड हो या ना हो या उन्होंने आधार एप इंस्टाल किया है या नहीं किया है. उन्होंने अपने फोन में नोटिस किया होगा कि बिना अपने कांटैक्ट लिस्ट में जोड़े आधार का हेल्पलाइन नंबर क्यों आ रहा है. क्या आप इसकी सफाई दे सकते हैं, क्यों?”
People noticed that the @UIDAI number is saved by default on their phone:@UIDAI: This is not me!
Telecom providers: No, this is not us!
…
Do I have to ask to Harry Potter if he magically added this number to people phones?— Elliot Alderson (@fs0c131y) August 3, 2018
इस बहस में कई लोग शामिल हुए और उन्होंने अपने फोन में अचानक आधार नंबर के आने के स्क्रीन शॉट्स को साझा करना शुरू कर दिया.
एक ट्विटर यूजर ने कहा, “हां, यह सच है. यूआईडीएआई का हेल्पलाइन नंबर मेरे फोन बुक में जादू से आ गया. वे हमारा पीछा कर रहे हैं, जैसे एनएसए अमेरिका में करता है?”
वहीं, यूआईडीएआई का कहना है कि एंड्रायड फोन्स में जो आधार हेल्पलाइन नंबर दिख रहा है, वह पुराना है और वैध नहीं है. आधिकारिक बयान में कहा गया, “यूआईडीएआई का वैध टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1947 है, जो पिछले दो सालों से ज्यादा समय से चल रहा है.”
UIDAI और COI ने किया था इंकार
जब लोगों ने इसतरह बिना इजाजत फोन में नंबर सेव होने को लेकर सवाल उठाए और यूजर प्राइवेसी को लेकर यूआईडीएआई से सवाल पूछे जाने लगे तो संस्था ने अपने ट्विटर पर बयान जारी किया. यूआईडीएआई ने कई ट्वीट करके कहा कि मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 1800-300-1947 नंबर लोगों के फोन में बिना उनकी इजाजत सेव हो रहा है. इसे आधार का हेल्पलाइन नंबर बताया जा रहा है. हम साफ करते हैं कि 18003001947 यूआईडीएआई का टोल फ्री नंबर नहीं है. लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही.
UIDAI has reiterated that it has not asked or advised anyone including any telecom service providers or mobile manufacturers or Android to include 18003001947 or 1947 in the default list of public service numbers.
#### 5/5— Aadhaar (@UIDAI) August 3, 2018
यूआईडीएआई ने कहा कि कुछ निहित हितों के कारण ‘जानबूझकर’ जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है और प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि उसने किसी निर्माता या दूरसंचार सेवा प्रदाता से ऐसी सुविधा प्रदान करने के लिए नहीं कहा है. यूआईडीएआई ने बताया हमारा आधार हेल्पलाइन नंबर 1947 है जो अभी एक्टिव है. यूआईडीएआई एक बार फिर साफ करता है कि हमने किसी भी टेलीकॉम कंपनी या मोबाइल कंपनी को ये निर्देश नहीं दिए कि लोगों के फोन से 1947 नंबर को खुद-ब-खुद 18003001947 से रिप्लेस किया जाए.
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने एक बयान में कहा, “कई सारे मोबाइल हैंडसेट्स के फोनबुक में कुछ अज्ञात नंबर के सेव हो जाने में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की कोई भूमिका नहीं है.” दूरसंचार कंपनियों ने हालांकि इस मुद्दे पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका भी यही कहना है, जो सीओएआई ने कहा है.