बर्मिघम: भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की एक और संघर्षपूर्ण पारी आखिरकार व्यर्थ चली गई. वह दूसरे छोर से समर्थन न मिलने के कारण अपनी टीम को काफी प्रयासों के बाद भी यहां इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जीत नहीं दिला पाए.
इंग्लैंड ने एक छोर से लगातार विकेट लेकर कोहली की जुझारू पारी को जाया कर दिया और भारत को 31 रनों से मात देकर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली. यह इंग्लैंड के 1000वां टेस्ट मैच था, जिसे जीतकर उसने इस ऐतिहासिक पल को यादगार बना दिया.
इंग्लैंड ने चौथी पारी में भारत के सामने 194 रनों का लक्ष्य रखा था. भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के हालात और पिच से तेज गेंदबाजों को मिल रही मदद के सामने अपने पैर जमा नहीं पाए. पूरी टीम 54.2 ओवरों में 162 रनों पर ढेर होकर मैच हारने पर मजबूर हो गई.
कोहली ने अकेले खड़े रहते हुए 93 गेंदों में चार चौकों की मदद से 51 रनों की पारी खेली. उनके अलावा कोई और बल्लेबाज अर्धशतक के आस-पास भी नहीं पहुंच सका. कोहली के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हार्दिक पांड्या रहे, जिन्होंने 31 रन बनाए. चार विकेट लेने वाले स्टोक्स ने पांड्या को आउट कर भारतीय टीम को समेट इंग्लैंड को जीत दिलाई.
इंग्लैंड ने पहली पारी में 287 रन बनाए थे जबकि भारतीय टीम कोहली की 225 गेंदों में 22 चौके और एक छक्के की मदद से खेली गई 149 रनों की पारी के बावजूद 274 रन ही बना सकी. इस लिहाज से मेजबान टीम दूसरी पारी में 13 रनों की बढ़त के साथ उतरी.
दूसरी पारी में ईशांत शर्मा (5 विकेट), रविचंद्रन अश्विन (3 विकेट) ने इंग्लैंड को 180 रनों पर समेट दिया और मैच के तीसरे दिन भारत को लक्ष्य का पीछा करने के लिए मैदान पर उतरना पड़ा. भारत के पास हालांकि इस लक्ष्य का हासिल करने का पर्याप्त समय था लेकिन तीसरे दिन ही उसने मुरली विजय (6), शिखर धवन (13), लोकेश राहुल (13), अश्विन (13) अजिंक्य रहाणे (2) के विकेट खो दिए थे.
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कप्तान के साथ विकेटकीपर दिनेश कार्तिक नाबाद लौटे थे. चौथे दिन जेम्स एंडरसन ने कार्तिक (20) को पहले ही ओवर की आखिरी गेंद पर आउट कर भारत को परेशानी में डाल दिया.मेहमानों की परेशानी तब और बढ़ गई जब कोहली 141 के कुल स्कोर पर बेन स्टोक्स की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए. कोहली ने रिव्यू लिया जो असफल रहा. यहां से भारत की हार पक्की लग रही थी. स्टोक्स ने इसी स्कोर पर मोहम्मद शमी को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया.
दो चौकों की मदद से 11 रन बनाने वाले ईशांत भारत के नौवें विकेट के रूप में आउट हुए. उन्हें आदिल राशिद ने आउट किया. अंत में पांड्या ने कोशिश की वो एक छोर पर खड़े रहते हुए टीम को जीत दिलाएं. उन्होंने दूसरे छोर पर खड़े उमेश यादव को स्ट्राइक नहीं लेने दी.
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दवाब कम करने के लिए उन्होंने कुछ बड़े शॉट्स भी खेले. पांड्या ने 61 गेंदों का सामना किया और चार चौके लगाए, लेकिन स्टोक्स की एक आउट स्विंग गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप पर खड़े एलिस्टर कुक के हाथों में चली गई और इंग्लैंड अंतत: इस मुकाबले को जीतने में सफल रही. स्टोक्स के अलावा इंग्लैंड के लिए जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड ने दो-दो विकेट लिए. सैम कुरैन और आदिल राशिद को एक-एक सफलता मिली.
इससे पहले, तीसरे दिन ईशांत और अश्विन के आगे इंग्लैंड की बल्लेबाजी नहीं चली. टीम ने एक समय अपने आठ विकेट 135 रनों पर ही खो दिए थे, लेकिन सैम कुरैन ने अंत में तेजी से 65 गेंदों में नौ चौके और दो छक्के जड़ते हुए 63 रनों की पारी खेली इंग्लैंड को 180 के स्कोर तक पहुंचाया. कुरैन ने पहली पारी में भी अहम समय 24 रन बनाए थे. उन्होंने इस मैच में कुल पांच विकेट लिए. अपने हरफनमौला खेल के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.