भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने शुक्रवार को दीपक पूनिया के विदेशी कोच मुराद गैदारोव को बर्खास्त कर दिया, जिन्हें रैफरी के साथ हाथापाई करने के लिये टोक्यो ओलंपिक से बाहर कर दिया गया था. भारतीय पहलवान के कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में यह रैफरी मौजूद था. जिसमें दीपक पूनिया सैन मारिनो के माइल्स नजीम अमीन से हार गये थे. इस मुकाबले के बाद गैदारोव रैफरी के कमरे में गये और उनके साथ मारपीट की.
खेल की विश्व संचालन संस्था यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने फिर डब्ल्यूएफआई को अनुशासनात्मक सुनवाई के लिये बुलाया. जिसमें राष्ट्रीय महासंघ के सामने शर्मनाक स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि उस पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा था.
डब्ल्यूएफआई के महासचिव विनोद तोमर ने कहा, हमने उनसे कहा कि भारतीय कोच बहुत अच्छे स्वभाव के होते हैं, हालांकि गैदारोव भारतीय पहलवानों को ट्रेनिंग देते हैं लेकिन उनके किसी काम से डब्ल्यूएफआई पर असर नहीं पड़ना चाहिए. हमने उन्हें आश्वस्त किया कि गैदारोव को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया जायेगा. हम प्रतिबंध से बाल-बाल बचे हैं.
उन्होंने कहा, गैदारोव को भारत वापस भेजा जा रहा है ताकि वह अपना सभी सामान ले सकें. इसके बाद वह स्वदेश रवाना हो जायेंगे. लअंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने मामले की सुनवाई के बाद गैदारोव का एक्रीडिटेशन रद्द कर दिया. डब्ल्यूएफआई ने गैदारोव (42 वर्ष) को पिछले कुछ समय से 2018 जूनियर विश्व चैम्पियन को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) महासचिव राजीव मेहता ने भी कहा कि गैदारोव को खेल गांव से बाहर किया जा रहा है. उन्होंने ट्वीट किया, भारतीय कुश्ती टीम के विदेशी सहायक कोच मुराद गैदारोव एक मैच रैफरी से हाथापाई की घटना में शामिल थे. जिससे उन्हें तुरंत टोक्यो ओलंपिक खेल गांव से बाहर कर दिया गया और उन्हें भारत के लिये पहली उड़ान से वापस बुला लिया गया है.
गैदारोव बेलारूस की तरफ से 2008 बीजिंग ओलंपिक में रजत पदक जीत चुके हैं. उन्हें 2004 ओलंपिक खेलों में अयोग्य करार कर दिया गया था जब उन्होंने क्वार्टरफाइनल गंवाने के बाद एरीना के बाहर अपने प्रतिद्वंद्वी से हाथापाई की थी.