मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सीधी भर्ती पर साल 2019 से लगी रोक हटा दी है. अब विभाग अपने स्तर पर रिक्त पदों में से पांच प्रतिशत पर खुद भर्ती कर सकेंगे. वहीं इस संख्या से ज्यादा पद भरने के लिए उन्हें वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी. आज प्रदेश सरकार की तरफ से इसके आदेश जारी किए गए.
बता दें कि बीते दो साल में 7 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हुए हैं. इन खाली पदों की गणना सरकार ने कर ली है, जिनमें से 350 पद विभाग अपने स्तर पर भर सकेंगे. सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग और अन्य संस्थाओं से भरे जाने वाली भर्तियों पर लगे प्रतिबंध में छूट दी है.&
पांच प्रतिशत पदों पर ही भर्ती किए जाने का मतलब है कि अगर किसी विभाग में यदि 100 पद खाली हैं तो उनमें से 20 पद विभाग खुद भर सकेंगे. बीते दो साल में प्रदेश का ज्यादातर समय लॉकडाउन में बीता. इससे राज्य की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है. वहीं नई भर्तियां रुकी रहीं.
भर्तियों पर लगी रोक हटने के बाद सरकार की मंशा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में खाली पदों को भरने की है. इनमें पैरामेडिकल के खाली पदों को चरणबद्ध ढंग से भरा जाएगा. इधर, शासन ने विभागों से अधिकारी-कर्मचारियों के 2000 संवर्गों में रिक्त पदों की जानकारी मांगी है, जिससे खाली पदों को भरा जा सके.