तिरुवनंतपुरमः केरल में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही का सिलसिला लगातार जारी है शनिवार को 33 और रविवार को 2 और लोगों की मौत के साथ ही राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 370 हो गई है. भीषण बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर प्रभावित हुआ है. राज्यभर में राहत-बचाव कार्य जारी है.
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ताजा खबरों के अनुसार अधिकारियों ने इन तीन जिलों में जारी किए गए रेड अलर्ट को वापस ले लिया है और मौसम विभाग ने रविवार को अपने पूर्वानुमान में राज्य के कुछ जिलों में सामान्य बारिश होने की बात कही है. सर्वाधिक प्रभावित स्थानों जहां लोग पिछले तीन दिनों से भोजन और पानी के बिना फंसे हुए हैं, उनमें चेंगन्नूर, पांडलम, तिरुवल्ला और पथानामथिट्टा जिले के कई इलाके, एर्नाकुलम में अलुवा, अंगमाली और पारावुर में शामिल हैं. अलाप्पुझा में बचाव कार्य में मदद के लिए आए फंसे मछुआरों के एक समूह ने अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी होने की शिकायत की है.
समूह ने कहा, “हमने कई लोगों को बचाया लेकिन अब हम जहां से अपनी नाव से आए थे, वहां लौटने में हमारी मदद करने के लिए कोई नहीं है. हमने बचाव कार्यों में अपने जीवन को खतरे में डाल दिया लेकिन अब हमारी मदद के लिए कोई नहीं है।”
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पारावुर, एर्नाकुलम के कांग्रेस विधायक वी.डी. सतीशन ने राहत टीम को भेजने में नाकाम रहने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की निंदा की. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा कि हालांकि कई क्षेत्रों में जलस्तर कम हो गया है, लेकिन बड़े पैमाने पर संकटपूर्ण स्थितियों के कारण संभवत: चिकित्सा सुविधाएं कुछ क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाई हैं.
मंत्री ने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि चिकित्सकों ने प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल पाया और अब तक यह समस्या लगभग हल हो गई है. हमें बड़ी मात्रा में दवाएं चाहिए. संक्रमण संबंधी बीमारियों को रोकने के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य अभियान की योजना बनाई जा रही हैं” उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की मेडिकल टीमें जल्द ही पहुंच जाएंगी.
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सीएम बोले- राहत-बचाव कार्य जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 40 हजार पुलिसकर्मी, 3200 अग्नि सेवाकर्मी, 600 मछली पकड़ने की नौकाएं, 22 हेलीकॉप्टर 83 नौसेना के जहाजों इसके साथ 167 एनडीआरएफ की टीमें, 25 इंजीनियरिंग, 5 बीएसएफ की टीमें , 35 तटरक्षक की टीमों और उनकी नावों को राहत-बचाव कार्य के लिए तैनात किय़ा गया है.