पिछले कई दिनों से देश में बिजली की संकट मंडरा रही है , ऐसे में राजधानी दिल्ली में भी बिजली सप्लाई की खस्ता हालत देखने को मिल रही है।
इस ख़बर को हवा सोशल मीडिया पर फैल रहे तरह तरह के मीम से मिल रही है , कही किसी को पसीने को हाथों से पोछते हुए, किसी को हाथ पंखा डोलाते हुए, तो कही किसी को पानी की कमी से परेशान होते हुए दिखाया जा रहा है।
बिजली संकट अब केवल दो राज्यों तक ही सीमित नहीं रह गई है , आज यह पूरे 16 से अधिक राज्यों में बन चुकी है। राजधानी दिल्ली में आजकल दिन और रात में काफ़ी बार कई सारे इलाकों में लोगो को पावर कट के समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।कई सारे कस्बों और इलाकों में कई दिनों से बिजली कटौती के वजह से पानी सप्लाई की भी समस्या से झूझना पढ़ रहा है ।
पिछले दिनों दिल्ली सरकार के तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया था कि, दिल्ली के प्लांटों में केवल एक दिन के लिए ही कोयला बचा हुआ है, गौरतलब है की कोयला से ही बिजली बनाता है, हर दिन कोयला आता है , हर दिन बिजली बनता है ,और कोयला ट्रेन के माध्यम से दिल्ली हर दिन पहुंचाया जाता है, संसय इस बात की है कि अगर किसी दिन आपूर्ति होने में देरी हुई तो सबकुछ ठप हो जायेगा और बड़ी ही भयावह स्थिति हो जायेगी।
दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर जैसे पावर प्लांट से 1,751 मेगावाट बिजली हर रोज उत्पादित की जाती है और दिल्ली को जाती है। दिल्ली को ज्यादातर आपूर्ति (728 MW) दादरी -II पावर प्लांट से की जाती है। वहीं, ऊंचाहार से 100 MW बिजली का आपूर्ति होती है. नेशनल पावर पोर्टल की डेली कोल रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी पावर प्लांट में कोयले की कमी है। इसका असर दिल्ली से बाहर अलग राज्यों पे भी पड़ा है , कई जगह पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया है ताकि समय से कोयला पहुंच सके।
आजकल बिजली की खपत इसलिए भी बढ़ी हुई है क्योंकि खेती का समय भी है, और बुआई कामौसम है । बहुत सारे राज्यों में कृषि कार्य भी तेजी से चल रहा है , जिसमें बिजली की खपत ज्यादा है। तथा बढ़ती गर्मी की तापमान के वजह से लोगों द्वार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग अत्यधिक हो रहा है, जिससे बिजली उत्पादन पर काफी असर पड़ रहा है। वही, दिल्ली मेट्रो को भी बिजली की आवश्कता बढ़ी है क्योंकि बढ़ती गर्मी के वजह से मेट्रो के एसी कोच खपत ज्यादा कर रही है , और बिना बिजली के मेट्रो का परिचालन प्रभावित हो सकता है।
अब देखना ये है कि सरकार इस संकट से कैसे निजात पाती है , इस मुद्दे को लेकर सड़क से लेकर संसद तक प्रतिक्रिया तेज हो गई है। जगह जगह पे धरना प्रदर्शन भी किए जा रहे है, विधायक, नेता बहुत सारे समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सरकार को चिट्ठीयां लिखी जा रहीं हैं । तथा गुहार लगाया जा रहा है की इस संकट से निपटने का जल्द से जल्द उपाय किया जाए। आपको बता दे की पिछले साल भी इस बिजली संकट की खबर को प्रकट किया गया था। खबरें खूब उड़ी थी ,की इतने दिन की है , अब खत्म हो जाएगी, आज अंतिम है स्टॉक इत्यादि । मगर इस बार स्तिथि वाकई चिंताजनक है, राजधानी दिल्ली में अलार्मिंग सिचुएशन बनी हुई है , कभी भी बिजली गुल हो सकती है। आने वाले 24 घंटे के हिसाब से ही कोयला है ।