बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए बुधवार को रिजर्व बैंक ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए बताता कि तत्काल प्रभाव से नीतिगत रेपो दरों में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया जा रहा है। इस बढ़ोतरी के उपरांत होम-ऑटो या फिर पर्सनल लोन लेने वालों के लिए बुरी खबर है।
इसके साथ ही आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशिया में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है, अब यह 4.50 फीसदी कर दिया गया है। तथा इस निर्णय के बाद रेपो रेट 4 फीसदी से स्थिर रेपो दरें बढ़कर 4.40 फीसदी हो गई है। 21 मई से ये सारी रेटे प्रभाव में आ जायेंगी।
गर्वनर दास ने बताया कि यह कदम कमोडिटीज और वित्तीय बाजारों में जोखिम और बढ़ती अस्थिरता जैसे कारणों के चलते उठाया गया है।
- गौरतलब है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद होम लोन, पर्सनल लोन तथा ऑटो लोन, लेने वाले ग्राहकों को एक बड़ा झटका लगा हैं। इसके बाद ईएमआई की दरें बढ़ जायेगी, जिसके कारण लोन चुकता करने में लोगों की कमर टूट जायेंगी।
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानित आंकड़ों से काफी ऊपर निकल चुकी है। मार्च के आंकड़े देखें तो देश में खुदरा महंगाई 6.95 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। सेंसेक्स भी 1000 अंक के नीचे लुढ़क गया हैं।
अचानक बुलाई गई इस मौद्रिक बैठक सीमित में छह सदस्य शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता दास ने किया तथा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण अभूतपूर्व उच्च वैश्विक खाद्य कीमतों का प्रतिकूल प्रभाव घरेलू बाजारों पर देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि आगे भी मुद्रास्फीति का दबाव जारी रहने की संभावना बनी हुई है।