यूक्रेन में चल रहे मानवीय संकट के बारे में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में सभी देशों के प्रधानमंत्रियों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है तथा वहां निर्दोष लोगों की हुई मृत्यु की घोर निन्दा की है । इसी के साथ युद्ध की समाप्ति को लेकर भी बात की गई है कि किस तरह इस से तत्काल निजात पाया जा सके । साथ ही उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष के अस्थिर प्रभाव और इसके व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर भी चर्चा की है ।जिसमें दोनों ही पक्ष इस मुद्दे पर घनिष्ठ रूप से जुड़े रहने पर राजी हुए हैं।
इस तीन दिवसीय यात्रा का अगला पढ़ाव फ्रांस है जो जर्मनी और डेनमार्क की यात्रा को समाप्त करने के बाद शुरू होगा। सूत्रों के हवाले से खबर यह है कि प्रधानमंत्री अपनी वापसी के दौरान फ्रांस की राजधानी पेरिस में कुछ समय के लिए रुकेंगे, जहां वह राष्ट्रपति मैक्रों के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। बता दें कि मैक्रों एक सप्ताह पहले शीर्ष पद के लिए दोबारा चुने गए थे।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यह जानकारी दी कि आज हमारे लिए नॉर्डिक भागीदारों के साथ जुड़ाव का दिन था, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने डेनमार्क, फ़िनलैंड, आइसलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। शिखर सम्मेलन के दौरान, महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण और हरित और स्वच्छ विकास में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई।
तथा आइसलैंड में लोकप्रिय योग के विषय में भी मोदी जी की वहां के प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर के साथ बातचीत हुई । इसके साथ मत्स्य पालन क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ जलवायु सहयोग और भू-तापीय ऊर्जा के मुद्दों और हम संस्कृति और लैंगिक समानता के बारे में भी बातचीत की गई ।