राफेल विवादः कांग्रेस नेताओं ने जहाज बनाकर उड़ा दिया अनिल अंबानी का नोटिस

नई दिल्लीः राफेल डील पर मचा राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच घमासान जारी है, लेकिन अब इस लड़ाई का रुख कांग्रेस बनाम अनिल अंबानी की तरफ मुड़ गया है. अब ये लड़ाई सीधे कांग्रेस और अनिल अंबानी के बीच चल रही है. अनिल अंबानी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के कई प्रवक्ताओं को लीगल नोटिस भेजा है और साथ ही उन्हे जुबान संभालने की चेतावनी दी है. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने अंबानी के इस नोटिस को ‘हवा में उड़ा दिया है.’

कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर की, जिसमें वह नोटिस को हवाई जहाज बनाकर उड़ा रहे हैं. उन्होंने लिखा कि मेरे प्लेन बनाने की स्किल आपसे बेहतर है. तो वहीं जयवीर शेरगिल ने लिखा कि मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं और पंजाबी हूं, इस प्रकार के लीगल नोटिस से नहीं डरता.


कांग्रेस एक तरफ कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने में जुटी हुई है, तो दूसरी तरफ इस राजनीतिक घमासान में फंसी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस ने कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल को लीगल नोटिस भेजा है. इस मुद्दे पर अनिल अंबानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दो चिट्ठियां लिख चुके हैं, जिसके बाद अब उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के लिए लीगल नोटिस थमा दिया है.

अनिल अंबानी ने इस नोटिस में कहा है कि कांग्रेस प्रवक्ता बिना किसी ठोस सबूत के कोई आरोप न लगाएं. सिर्फ उस बात को बोलें जिनका उनके पास सबूत हो. इसके साथ ही अंबानी ने कहा कि, कांग्रेस प्रवक्ता बिना किसी सबूत के किसी प्रकार की गलत इन्फॉमेशन ना फैलाएं.

अनिल ने आरोप लगाया है कि, कांग्रेस के अशोक चव्हाण, रणदीप सुरजेवाला, संजय निरुपम, अभिषेक मनु सिंघवी समेत अन्य नेता गलत तथ्यों का प्रयोग कर उनके ग्रुप और उनपर लांछन लगा रहे हैं. अब इन सभी के खिलाफ ग्रुप ने कोर्ट में मामला चलाने की ठानी है.

दिए गए नोटिस में साफ तौर पर लिखा है कि सभी नेताओं के पास राइट टू फ्रीडम जरूर है, लेकिन वह जो भी बोले जिम्मेदारी के साथ ही बोलें और तथ्यों पर बोलें. ऐसा मालूम हो रहा है कि, मेरे संस्थान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी एक कैंपेन चला रही है. बता दें कि, राफेल डील के मुद्दे पर जयवीर शेरगील कांग्रेस की ओर से आक्रामक तौर पर बीजेपी और सरकार को घेर रहे हैं.

कांग्रेस के आरोप?

कांग्रेस ने दावा करते हुए कहा है कि, जिस विमान की डील यूपीए सरकार ने की थी, मोदी सरकार उस विमान को तीन गुना कीमत देकर खरीद रही है. इसके साथ ही आरोप लगाया गया है कि, इस नई डील में किसी प्रकार की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की बात नहीं हुई है. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के मुताबिक यूपीए सरकार की डील के अनुसार, 126 में से 18 एयरक्राफ्ट ही फ्रांस में बनने थे बाकी सभी HAL के द्वारा भारत में बनने थे.

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