नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय हित के मामलों की सुनवाई लाइव स्ट्रीम की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लाइव दिखाने के मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े फैसले को सुरक्षित रख लिया है. हालांकि कोर्ट ने कई विवादास्पद मुद्दों की लाइव स्ट्रीमिंग से इंकार कर दिया है. इन मुद्दों में अयोध्या और आरक्षण जैसे मामले शामिल हैं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अयोध्या और आरक्षण जैसे संजीदा मामले लाइव स्ट्रीम नही किए जाएंगे.
लाइव स्ट्रीम से जुड़े निर्देशों को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में गाइडलाइन दाखिल की है. कोर्ट में केंद्र की तरफ से जो निर्देश जारी किए गए हैं उनमें बताया गया है कि केवल ये लाइव प्रसारण चीफ जस्टिस की कोर्ट से ही होगा. वहीं वैवाहिक, सांप्रदायिक सौहार्द, वैवाहिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले लाइव स्ट्रीम के दायरे से बाहर रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का लाइव प्रसारण करने से जुड़ी याचिक सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने दायर की थी.
बता दें कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मामलों की सुनवाई का प्रसारण करने के खिलाफ में भी पक्ष रखे गए. काउंसल विराग गुप्ता ने कहा कि लाइव स्ट्रीम के कारण फेक न्यूज बढ़ जाएंगी. जजों द्वारा कही गई बातों को गलत संदर्भ में इस्तेमाल करने का डर है. विराग गुप्ता की इस दलील पर जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि ये समस्या लाइव स्ट्रीम न होने पर औऱ भी ज्यादा है. लोग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को ट्वीट कर रहे होते हैं और जो आधिकारिक नही होती . हमारा ओपन कोर्ट सिस्टम है जिसमें कोई भी आकर बैठ सकता है. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा हम इस सिस्टम को और भी अच्ठी तरह लागू कर पाएंगे जब न सिर्फ कोर्ट के अंदर बैठे लोग बल्कि बाहर बैठे लोग भी कार्यवाही देख पाएंगे. तकनीक के कई पहलू हैं लेकिन हमें सकारात्मक पहलू को भी देखना चाहिए.
केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कोर्ट की कार्यवाही को देखने के पत्रकारों, वकीलों और अन्य लोगों के लिए अलग से मीडिया रूम बनवाया जाएगा.