सीएम शिवराज ने रक्षाबंधन पर भेजीं लाखों चिट्ठियां, कांग्रेस ने अपराध के आंकड़े याद दिलवाए

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की 65 लाख महिलाओं की चिट्ठी लिखी है. इसमें शिवराज ने अपनी सरकार के काम गिनवाए हैं और इन कामों का हवाला देकर एक बार फिर उनकी सरकार बनवाने में सहयोग मांगा है. कांग्रेस ने रक्षा बंधन पर भइया-बहन के नाम पर हुई इस चिट्ठी सियासत पर कड़ा ऐतराज जताया है. कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज पहले बहनों को यह जवाब दें कि  खिलाफ अपराध में मध्य प्रदेश लगातार क्यों अव्वल बना हुआ है , जबकि पंद्रह साल से भाजपा का राज है।

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शिवराज की चिट्ठी बांटने में डाक विभाग का अमला हफ्ते भर से दिन रात एक किए हुए है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. शिवराज सिंह महिलाओं से अलग किस्म का कनेक्ट रखते हैं. वह मामा शिवराज के नाम से लोकप्रिय हैं. महिलाएं उनके लिए बहन और भांजी का दर्जा रखती हैं. इसी सियासत को नया आयाम देते हुए उन्होंने भइया बनकर महिलाओं को रक्षा बंधन पर चिठ्ठी भेजी है. कांग्रेस इस पत्राचार पर हुए सरकारी खर्च पर ऐतराज जता रही है.

कांग्रेस के प्रदेश नेताओं का कहना है कि अगर एक चिट्ठी पर रुपए का टिकट मान लें तब ही मामला बहुत बड़ा हो जाता है. वैसे जो चिठ्ठी है उसके लिफ़ाफ़े और छपाई वगैरह पर दस रुपए से कम का खर्च नहीं आया होगा. कथित उपलब्धियां गिनवाने के नाम पर यह जनता के पैसे से करोड़ों का खर्च क्यों किया गया. चुनाव से पहले ही महिलाओं को पात्र भेजने की याद क्यों आयी.

कांग्रेस नेता महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में मध्य प्रदेश की हालत का हवाला देकर भी मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी पर तंज कस रहे हैं. एनसीआरबी यानि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक़ महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले मध्य प्रदेश में बेतहाशा तरीके से बढे हैं. 2015 और 2016 के बीच दुष्कर्म मामलों में 11. 1 फीसदी वृद्धि हुई है

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जबकि नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामलों में 57 प्रतिशत की बढ़त हुई. छेड़छाड़ के मामले भी मध्य प्रदेश में लगातार बढे हैं. कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि शिवराज ने महिलाओं को चिठ्ठी लिखकर और पांच साल मांगे हैं. सवाल है कि जब पंद्रह साल के लगातार शासन में शिवराज मामा और साला बनकर भांजियों और बहनों की रक्षा नहीं कर सके तो किस मुंह से और पांच साल मांग रहे हैं. इस बार उनकी सरकार जाना तय है.

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