सर्वोच्च न्यायालय ने मुफ्त चुनावी ऐलान मामले पर पुनर्विचार के लिए मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ को स्थानांतरित कर दिया है। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस केस पर विशेषज्ञ कमेटी का गठन करना उचित होगा। परंतु उससे पूर्व कई प्रश्नों पर विचार करना आवश्यक है।
2013 के सुब्रमण्यम बालाजी फैसले की समीक्षा भी आवश्यक है। हम इस केस को तीन जजों की स्पेशल बेंच को स्थानांतरित रहे हैं। अगली सुनवाई दो सप्ताह पश्चात होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि इस बात से मना नहीं किया जा सकता है कि चुनावी लोकतंत्र में असली ताकत वोटरों के पास होती है। मतदाता ही पार्टियों और कैंडिडेट का फैसला करते हैं।
'Freebies' by political parties: Supreme Court says that there can be no denying that in an electoral democracy, the true power lies with the electorate and the electorate judges the parties and candidates. pic.twitter.com/V9pRDAf8Ts
— ANI (@ANI) August 26, 2022