नई दिल्लीः भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस यलगार परिषद की भूमिका की जांच कर रही है. पुणे सेशंस कोर्ट ने पुलिस को इस मामले पर चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का समय दिया है. बता दें, हिंसा के पांच आरोपियों- रोनी विल्सन, सुधीर धावले, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन और महेश राउत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुलिस ने कोर्ट से 90 दिनों का समय मांगा था जिसको कोर्ट में मंजूर कर लिया गया है.
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पुलिस ने पिछले हफ्ते मंगलवार को अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करके पांच वामपंथी विचारकों को हिरासत में लिया था. जिसमें वरवर राव, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज और वेरनोन गोंसाल्विस शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इन गिरफ्तार वामपंथी विचारकों को राहत देते हुए इन्हें घर में नजरबंद कर रखने का आदेश दिया था. मामले पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को पुणे कोर्ट में होगी.
बता दें, पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के विरोध में इतिहासकार रोमिला समेत चार अन्य कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर करते हुए कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए अनुरोध किया था. इसके साथ ही इन गिरफ्तारियों के मामले पर स्वतंत्र जांच कराने का भी अनुरोध किया था.
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