राजद की ये कैसी सियासत? जेएनयू में जयंत, बेगूसराय में उनके ‘दुश्मन’ कन्हैया को समर्थन

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय का छात्र संघ चुनाव इस बार और दिलचस्प होने वाला है. लेफ्ट, एनएसयुआई, एबीवीपी और बापसा (बिरसा अंबेडकर फूले स्टुडेंट्स) के अलावा आरजेडी का छात्र संगठन भी इन चुनावों में हिस्सा लेगा. ऐसा पहली बार हो रहा है जब आरजेडी का छात्र संगठन राजद राष्ट्रीय जनता दल किसी विश्वविधालय के चुनाव में हिस्सा ले रहा हो.

लेकिन इसमें सबसे अहम बात ये है कि राजद ने जिस छात्र, जयंत जिज्ञासु को जेएनयू के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार चुना है वो कन्हैया कुमार का करीबी रह चुका है. इतना ही नही जयंत जिज्ञासु जवाहर लाल विश्वविधालय में लेफ्ट विंग एआईएसएफ के जाने माने नेता रहे हैं.

लेकिन इसी साल जयंत जिज्ञासु और कन्हैया कुमार के बीच दरार पड़ गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जयंत जिज्ञासु ने कन्हैया पर एक छात्र आंदोलन कमजोर करने का आरोप लगाया था. दरअसल जेएनयू में विधार्थियों की राजनीतिक और आंदोलनकारी गतिविधियों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कम्पलसरी अटेंडेंस लागू किया था.

सरकार के इस कदम के खिलाफ न केवल जेएनयू के छात्रों ने बल्कि कई शिक्षकों ने भी सवाल उठाए थे. इस पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था, लेकिन जयंत जिज्ञासु का आरोप है कि ये प्रदर्शन तब कमजोर पड़ गया जब कन्हैया कुमार ने सबसे पहले अटेंडेंस शीट पर अपना साइन किया. इसके अलावा जयंत जिज्ञासु ने कन्हैया कुमार पर आरोप लगाया था कि जब वो छात्रसंघ के अध्यक्ष थे तो उन्होने वीटो का इस्तेमाल कर होस्टल आवंटन में ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण वाले प्रस्ताव को खारिज किया था.

ये भी पढ़ें-  2019 लोकसभा चुनाव: बेगूसराय में दिखेगा विचारधाराओं का टकराव, राकेश सिन्हा से भिड़ेंगे कन्हैया कुमार!

एआइएसएफ से इस्तीफा देते हुए जयंत जिज्ञासु ने फेसबुक पर एक पोस्ट पर लिखा था, “आपको यह भी मालूम होगा कि बेगूसराय से भाजपा सांसद भोला सिंह से कन्हैया भेंट करते हैं और अगले दिन भोला सिंह उन्हें भगत सिंह करार दे देते हैं. क्या पार्टी को अब भाजपा के सर्टिफिकेट की ज़रूरत पड़ गई या यह नैसर्गिक अवसरवादी जातीय गठजोड़ का अश्लील प्रदर्शन है? माफ़ कीजिएगा, यह भगत सिंह का भी अपमान है.”

इसके अलावा कई मुद्दों पर जयंत जिज्ञासु ने कन्हैया कुमार से असहमती जताते हुए, उनकी राजनीति पर सवाल उठाए थे. लेकिन एक तरफ जहां आरजेडी ने जयंत को अपना छात्र नेता चुना है वहीं कई ये खबरें भी आ रही हैं कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और आरजेडी उनका समर्थन करेगी.

अब ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं कि जिस कन्हैया कुमार की खिलाफत कर जयंत जिज्ञासु आरजेडी में शामिल हुए हैं  क्या अपने छात्र नेता के खिलाफ जाकर आरजेडी बिहार में उसका समर्थन करेगी.

सोशल मीडिया के माध्यम से ये सवाल खुद जयंत जिज्ञासू से भी  पूछे जा रहे हैं लेकिन अब तक वो इस मामले पर चुप हैं. हालांकि राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस बात को अफवाह बताया है. लेकिन राजनीति में अफवाहें बहुत जल्दी सच भी साबित हो जाती हैं. माना जा रहा है कि छात्रसंघ के चुनाव होने तक इस बात को दबाया जाए जिससे जयंत जिज्ञासू की छवि कमजोर न पड़े.

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय के छात्र संगठन के चुनाव 14 सितंबर को होंगे.

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