नई दिल्ली: तेलंगाना सरकार ने समय से पहले विधानसभा भंग कर दी है जिससे राज्य में जल्द ही चुनाव होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. ऐसे में कांग्रेस और टीडीपी के बीच गठबंधन होने की आशंकाओं में बढ़ोतरी हुई है.
सामाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दैरान तेलगु देशम पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि टीडीपी की किसी पार्टी के साथ गठबंधन होने की अटकलें लगाई जा रही हैं वहीं कई कांग्रेस नेताओं ने टीडीपी के साथ गठबंधन को लेकर खुशी जाहिर की है. दिनाकर के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू आज तेलांगना के टीडीपी नेताओं से मुलाकात करेंगे और वही कोई फैसला करेंगे.
आंध्रप्रदेश के बंटवारे के बाद तेलंगाना के कई टीडीपी के नेता टीआरएस में शामिल हो गए थे. ऐसे में यदि कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन होगा तो यकीनन इससे टीआरस के लिए फिर से सत्ता में आना आसान नही रहेगा. इसकी एक वजह ये भी है कि टीआरएस के कई विधायक ऐसे हैं जो 2014 में टीडीपी, कांग्रेस और बीएसपी की सीट पर चुनाव जीते थे. इनमें सबसे ज्यादा 12 विधायक टीडीपी के हैं जो बाद में टीआरएस में शामिल हुए. वहीं सभी पार्टियों के 22 विधायक अपनी पार्टी से चुनाव जीतने के बाद टीआरएस में शामिल हो गए थे.
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ऐसे में यदि इस बार वो फिर से नही चुने जाते हैं तो इसका फायदा अन्य पार्टियों को खासकर कांग्रेस और टीडीपी को होगा.वहीं यदि कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन हुआ तो इसका असर 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा. जिसमें एनडीए से अलग हुई टीडीपी, यूपीए का दामन थाम सकती है.
बता दें कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने के कारण टीडीपी संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी और एनडीए से खुद को अलग भी कर लिया था. टीआरएस के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को सिरे खारिज कर दिया है. ऐसे में टीडीपी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावनाएं ज्यादा लगती हैं.