उत्तराखंड सरकार ने नकल विरोधी कानून बना दिया है अब प्रदेश की तमाम प्रतियोगी परीक्षाओ में इस कडे क़ानून के तहत ही परीक्षा होगी। नकल विरोधी कानून को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत समाचार से खास बातचीत की। सीएम धामी ने भारत समाचार से बात करते हुए बताया की आखिर क्यों सरकार को ये क़ानून लाना पड़ा। वही सीएम ने कांग्रेस को भी प्रदेश में युवाओं को बरगलाने का आरोप लगाया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम धामी ने कहा कि लंबे समय से भर्ती परीक्षाओं में घपले, घोटाले, पेपर लीक हो जाना, पेपर फिक्स हो जाना, पेन ड्राइव करा जाना इस प्रकार की घटनाएं, क्वेश्चन बैंक का आउट हो जाना ये सब घटनाएं हमारे सामने आई उसकी हमने पहले तो जांच करवाई, जांच में अभी तक साठ लोगों से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो गए हैं। उन्होने कहा कि चूँकि एक आवश्यकता ऐसी थी कि ये कैंसर जैसा बन चूका नकल नकल के क्षेत्र में छात्रों के, छात्राओं के, भाई-बहनों के साथ एक बहुत बड़ा मैं कहूँ कि धोखा और उनकी जो योग्यता है उस योग्यता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है इसलिए नकल अध्यादेश बहुत जरूरी था और नकल अध्यादेश हमने कहा कि हम भारत वर्ष का सबसे कठोर जो अध्यादेश हो सकता है वो अध्यादेश लाएँगे।
सीएम धामी ने कहा कि उस अध्यादेश को हम ले आए हैं। उन्होने कहा कि माननीय राज्यपाल ने भी अपनी अनुमति इसमें प्रदान कर दी है और अब ये अध्यादेश बन गया है, इसमें उम्रकैद तक के प्रावधान है, इसमें पूरी संपत्ति जब्त होगी। उन्होने् कहा कि इस अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि जो भी बच्चा या जो उसमें परीक्षार्थी होगा जो भाग ले रहा होगा अगर वह नकल में पकड़ा जाता है या उसमें नाम आता है तो अगले दस वर्षों तक उसको किसी भी परीक्षा में भाग लेने का कोई अवसर नहीं होगा।