अतीक की हत्या के बाद एक्शन में सरकार , हटाए गए ACP धूमनगंज

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात दस बजे के बाद कॉल्विन अस्पताल के बाहर तीन अपराधियों ने तुर्किए मेड पिस्टल से हत्या कर दी थी। इस हत्या से प्रयागराज से लखनऊ और लखनऊ से दिल्ली तक हलचल मचा दी थी। सरकार ने तुरंत सुरक्षा में लगे 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था। सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एसीपी धूमनगंज नरसिंह नारायण सिंह को हटा दिया है। उन्हें डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया गया है।

बता दें कि नरसिंह नारायण सिंह के कार्यक्षेत्र में धूमनगंज और शाहगंज थानाक्षेत्र आता है। 24 फरवरी को जहां धूमनगंज में उमेश पाल और उसके दो गनर को मौत के घाट उतारा गया वहीं 15 अप्रैल को शाहगंज थानाक्षेत्र के कॉल्विन अस्पताल के बाहर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गयी। इस मामले में उठ रहे कई सवालों के बीच पुलिस पर गाज गिरना तय माना जा रहा था।

शासन ने 43वीं वाहिनी पीएसी कानपुर में तैनात महेंद्र सिंह को एसीपी धूमनगंज का चार्ज दिया है। बता दें कि अतीक अहमद की हत्या के बाद सीएम ने एक हाई लेवल मीटिंग की थी और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कसी भी तरह से आम जनता को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।
24 फरवरी को धूमनगंज थानाक्षेत्र में रहने वाले विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और अधिवक्ता उमेश पाल की उनके आवास के बाहर कार से उतारते समय बेम और गोली मारकर दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई थी। इसमें दो सिपाहियों की भी मौत हुई थी जो उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात थे। इस हत्याकांड में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, बीवी शाइस्ता और बेटे असद सहित 18 लोगों का नाम आया था। दिन दहाड़े हुई हत्या से पुलिसिंग पर सवाल उठे थे।

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