ज्ञानवापी विवाद में वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विवाद से जुड़ी सात याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करने का फैसला किया है। सोमवार को हुई बहस के बाद जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को उन्होंने शृंगार गौरी प्रकरण की वादी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक की ओर से दायर वाद में फैसला सुनाते हुए सभी सात मामलों को क्लब कर दिया। अब इनकी सुनवाई एक साथ होगी।
इस फैसले के बाद हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता खासे खुश दिखाई दिए। वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि ‘फैसला हमारे पक्ष में आया है। हमारी जो भी मांग थी वह कोर्ट ने पूरी की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को भी यह एहसास हुआ कि सभी मुकदमे एक ही प्रवित्ति के हैं, ऐसे में इन्हें एक किया जा सकता है।
इस मामले में विश्व वैदिक संतान संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन की भतीजी राखी सिंह का जो केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में था केस नंबर 693/21 वह इसमें लीडिंग केस माना जाएगा। इसी के तहत सारी सुनवाई होगी।
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश अदालत में मां शृंगार गौरी प्रकरण की वादी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने वाद दायर किया था कि उनकी ओर से दायर 5 अलग-अलग याचिकाएं, राखी सिंह की ओर से दायर याचिका और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दायर याचिका को एक साथ क्लब कर सुनवाई की जाए, क्योंकि सभी का नेचर एक ही है। इसमें से 6 मुकदमे सिविल कोर्ट में और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में लंबित है।