बालासोर में हुई भीषण रेल हादसे की जांच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक वकील जिनका नाम विशाल तिवारी है उन्होंने इस मामले को लेकर याचिका दाखिल की है। इस याचिका में दुर्घटना से बचाने वाले ‘कवच’ सिस्टम को यथाशीघ्र लागू करने की मांग की गई है।
साथ ही पूर्व जज की अध्यक्षता में इस मामले की जांच बैठाने की भी मांग की गई है। इसके अलावा, रेल सुरक्षा को लेकर भी पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने की मांग की गई है। बता दें कि,ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से अब तक 288 यात्रियों की जान जा चुकी है। वहीं 1200 से ज्यादा लोग घायल हैं।
ट्रेन दुर्घटना में घायलों के रेस्क्यू का काम लगभग पूरा हो गया है। मृतकों के शव को उनके परिजन को सौंपा जा रहा है। पीएम मोदी भी कल बालासोर में घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
ट्रेन हादसे के बाद से केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार उसी स्थल पर बने हुए हैं। ट्रैकों को ठीक करने का काम भी इन्ही की निगरानी में चल रहा है। हादसे के कारणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है। इस हादसे के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है, जल्द जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो ‘कवच’ को लेकर कहा वो सही नहीं है। उनकी बातों का कोई आधार भी नहीं है। अश्विनी वैष्णव बोले, हादसे का कवच से किसी प्रकार का कोई संबध नहीं है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए,अभी देश को एकजुट रहने की आवश्यकता है।