उत्तराखंड में बीते कई दिनों से लगातार तेज बारिश के चलते भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। जिसकी वजह स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदियां ऊफान पर हैं, कई जगहों पर कॉलेज और घर की इमारतें ढह गई हैं। एसडीआरफ और एनडीआरएफ टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है।
रुद्रप्रयाग के मद्महेश्वर घाटी में फंसे लोगों को बचाने के लिए एसडीआरफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। रुद्रप्रयाग पुलिस ने ट्वीट कर बताया, “हेलीकॉप्टर की मदद से मद्महेश्वर घाटी में फंसे लोगों को बचाने का अभियान शुरू हो गया है। नानू में एक अस्थायी और वैकल्पिक हेलीपैड स्थापित किया गया है, जहां लोग पैदल पहुंच रहे हैं। उन्हें रांसी गांव पहुंचाया जा रहा है, जहां से वे आगे बढ़ रहे हैं।”
जोशीमठ के हेलंग गांव में एक इमारत गिर गई है, घटना के समय मकान में सात मजदूर मौजूद थे, एसडीआरफ की टीम ने उनमें से तीन लोगों को बचाया है और घायलों को उपचार के लिए भेज दिया है। बचाव अभियान जारी है।
मौसम विभाग ने 16 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया था। डीजीपी उत्तराखंड ने अशोक कुमार ने बताया कि 12 अगस्त के बाद से विशेषकर गढ़वाल क्षेत्र में भारी वर्षा हुई। सभी जगहों पर सड़कें बंद हैं और पुलिस और एसडीआरएफ की टीम अलर्ट पर है। चमोली और उत्तरकाशी मोरी क्षेत्र में बादल फट गया। ऋषिकेश में भारी जलभराव हो गया है। हालांकि गंगा नदी का पानी कुछ कम हुआ है। हम सभी लोगों से पहाड़ी इलाकों में न जाने की अपील करते हैं।