बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। मायावती ने आज यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित पार्टी बैठक में बड़ा फैसला लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीएसपी की मीटिंग में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने का ऐलान किया है।
कौन हैं आकाश आनंद?
मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद हैं। उन्होंने लंदन के एक बड़े कालेज से एमबीए की डिग्री हासिल की है। पहली बारआकाश आनंद चर्चा में तब आए, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया था। परिवारवाद के खिलाफ हमेशा बात करने वाली मायावती ने कभी अपने भाई आनंद कुमार को तरजीह नहीं दी। लेकिन, विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे किया।
मायावती ने 2017 में हुई सहारनपुर की रैली में आकाश आनंद को अपने साथ मंच पर लाया था। इसे आकाश आनंद की पॉलिटिकल लॉन्चिंग मंच भी कहा जाता है। इसके बाद से ही उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा। आखिरकार, रविवार को उन्होंने इस संबंध में बड़ी घोषणा कर दी।
बसपा में आकाश आनंद की लॉन्चिंग के बाद से कई बड़े फैसले देखे गए। कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी। दरअसल, मायावती के उत्तराधिकारी बनने की महत्वाकांक्षा कई नेताओं के भीतर थी, लेकिन संकेतों में मायावती ने पहले ही स्थिति साफ कर दी थी। वहीं, मायावती ने पिछले दिनों इमरान मसूद से लेकर सांसद कुंवर दानिश अली को बाहर का रास्ता दिखाकर अलग ही रणनीति का परिचय दिया है। इसको लेकर मायावती की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इन फैसलों के पीछे आकाश आनंद की कोई रणनीति या सोच तो नहीं है।
आकाश आनंद की पॉलिटिकल लॉन्चिंग के बाद से बसपा का प्रदर्शन हर चुनाव में खराब होता गया है। यूपी चुनाव 2017 एवं 2022 और लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर हुआ। बहुजन समाज में पार्टी की स्वीकार्यता कम हुई। वोट शेयर में कमी इस बात को साबित करता है। यूपी चुनाव 2022 में बसपा ऐतिहासिक रूप से एक सीट पर सिमट गई। आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने के बाद स्थिति कितनी बदलेगी? यह सवाल यूपी के राजनीतिक महकमे में उठने लगा है।