हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद आज (शुक्रवार, 2 फरवरी) चंपई सोरेन ने 12वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली.
हेमंत सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन परिवार में आपत्तियों के बीच JMM की बैठक में चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया. अब उन्होंने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री पद के तौर पर शपथ ले ली है.
#WATCH | JMM vice president Champai Soren takes oath as the Chief Minister of Jharkhand, at the Raj Bhavan in Ranchi.
This comes two days after Hemant Soren's resignation as the CM and his arrest by the ED. pic.twitter.com/WEECELBegr
— ANI (@ANI) February 2, 2024
बता दें भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक दी दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जहां उनसे पूछताछ का सिलसिला जारी है। हालांकि, ईडी ने हेमंत की 10 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने महज एक दिन की हिरासत पर ही मुहर लगाई है। वहीं, खबर है कि कोर्ट हेमंत की हिरासत बढ़ा सकती है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में दाखिल हुई याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, हेमंत की गिरफ्तारी के विरोध में याचिका पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व जांच एजेंसियों का दुरुपयोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए कर रही है, लेकिन आज कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर स्पष्ट कर दिया कि पहले आप हाईकोर्ट जाइए। आप इस तरह से डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते हैं।
बता दें कि बीते दिनों भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, बीते दिनों 40 घंटे लापता रहने के बाद हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक में आगे का प्लान तैयार कर लिया था। दरअसल, प्लान के मुताबिक, अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है, तो ऐसी स्थिति में कल्पना सोरेन या चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन जब आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हेमंत की गिरफ्तारी हो गई, तो चंपई सोरेन, जो कि शिबू सोरेन के करीबी भी माने जाते हैं, उनके नाम पर सहमति की मुहर लगा दी गई।
बता दें, शिबू इससे पहले राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं। उन्होंने अपने पत्र में यह दावा किया था कि उनके पक्ष में एक या दो नहीं, बल्कि 43 विधायक हैं, जो कि सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है, लेकिन झारखंड में जारी राजनीतिक संकट के बीच राज्यपाल की ओर से उन्हें न्योता नहीं भेजा गया, जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि जेएमएम के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त दावा नहीं है, इसलिए राज्यपाल की ओर से न्योता नहीं जा रहा है।