लखनऊ: मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है. 2019 के सेमीफाइनल माने जा रहे इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है. उत्तर प्रदेश से भी कई नेताओं को इन राज्यों में प्रचार और रणनीति तय करने के लिए में उतारा जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के चुनावी दौरे करवाने की तैयारी है. बीजेपी ने बड़े नेताओं के अलावा पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी कर ली है, खासतौर से यूपी से लगे जिलों में ये पदाधिकारी घर-घर जनसंपर्क करेंगे.
योगी की छवि भुनाने की कोशिश
बीजेपी योगी की हिंदुत्व की इमेज और यूपी जैसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री होने का फायदा उठाने की कोशिश करेगी. वैसे तो योगी चुनाव वाले लगभग सभी राज्यों का दौरा करेंगे लेकिन उनका फोकस राजस्थान होगा. दरअसल राजस्थान में नाथ संप्रदाय के कई आश्रम हैं. इन आश्रमों में लाखों श्रद्धालु आते हैं. इनमें सीकर का श्री श्रद्धानाथ जी आश्रम की ही अकेले 50 शाखाएं झुंझुनू, जयपुर, सीकर और चुरू में फैली हुई हैं. योगी भी नाथ संप्रदाय से आते हैं इसलिए उनके दौरों से बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है.
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राजस्थान में इन नेताओं का जोर
उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा का जोर राजस्थान पर होगा. केंद्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा और बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी राजस्थान से हैं. ये दोनों भी राजस्थान चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव पर भी राजस्थान में समन्वय की जिम्मेदारी है. यूपी के ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह पहले से ही राजस्थान में बैठकें कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी इन नेताओं पर
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का फोकस मध्य प्रदेश में रहने की उम्मीद है. खासतौर से ओबीसी बहुल जिलों में मौर्य के दौरे ज्यादा होंगे. यूपी के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की जिम्मेदारी पहले से ही मध्य प्रदेश में लगी हुई है.