तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की जितनी भी कोशिशें हुईं, सब फेल हो गईं। लेकिन अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और दोबारा सत्ता में लौटने की तैयारी कर रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में किए वादे को पूरा करने की शुरुआत कर दी है। राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की और फिर एक ऐतिहासिक ऐलान हो गया—रूस-यूक्रेन युद्ध पर अस्थायी विराम!
ये खबर आते ही दुनिया भर में चर्चा तेज हो गई। कुछ लोग ट्रंप की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने वो कर दिखाया, जो दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं नहीं कर पाईं। वहीं, कुछ लोग अमेरिका पर यूक्रेन को धोखा देने और रूस के आगे झुकने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन जो भी हो, फिलहाल यूरोप में शांति की उम्मीद बढ़ गई है और अगर ये विराम लंबा चला, तो ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार भी मिल सकता है।
क्या सच में ट्रंप को मिल सकता है नोबेल?
नोबेल पुरस्कार किसी भी इंसान को तब दिया जाता है जब उसने मानवता के लिए कोई बड़ा योगदान दिया हो। इस पुरस्कार को पाने के लिए कोई विशेष मानक तय नहीं हैं, लेकिन अगर किसी ने युद्ध रोकने, देशों के बीच भाईचारे को बढ़ाने या शांति सम्मेलनों को आगे बढ़ाने में योगदान दिया हो, तो उसे शांति का नोबेल मिल सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने की दिशा में ट्रंप ने बड़ा कदम उठाया है। यूक्रेन को लगातार अमेरिका और यूरोप का समर्थन मिल रहा था, लेकिन इसके बावजूद युद्ध खत्म नहीं हो रहा था। UN और बाकी संस्थाएं सिर्फ निंदा कर रही थीं, लेकिन ट्रंप ने सीधे पुतिन से बात की और नतीजा सबके सामने है। अगर यह युद्ध विराम स्थायी हो जाता है, तो ट्रंप का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए लगभग पक्का माना जा सकता है।
पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपतियों को मिल चुका है नोबेल
अगर ट्रंप को नोबेल मिल जाता है, तो वे ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं होंगे। इससे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों को यह सम्मान मिल चुका है:
- 1906: थियोडोर रूजवेल्ट को रूस और जापान के बीच युद्ध रोकने में मदद करने के लिए शांति का नोबेल मिला था।
- 1919: वुडरो विल्सन को लीग ऑफ नेशंस बनाने के लिए सम्मानित किया गया था।
- 2002: जिमी कार्टर को शांति और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
- 2009: बराक ओबामा को उनके अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों के लिए शांति का नोबेल मिला।
अगर ट्रंप को यह पुरस्कार मिलता है, तो वे अमेरिका के उन खास राष्ट्रपतियों की लिस्ट में शामिल हो जाएंगे, जिन्होंने शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।
अमेरिका का दांव और रूस-यूक्रेन की प्रतिक्रिया
इस युद्ध विराम के ऐलान के बाद दुनिया के तमाम देशों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। यूरोप इस फैसले का स्वागत कर रहा है, क्योंकि इससे उनके देशों पर मंडरा रहा खतरा कुछ कम होगा। अमेरिका में ट्रंप समर्थक इसे उनकी जीत के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन डेमोक्रेट्स इसे राजनीति से प्रेरित कदम बता रहे हैं।
वहीं, यूक्रेन इस फैसले से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहा। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पहले ही कह दिया था कि वे रूस के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। लेकिन अब जब अमेरिका ही पीछे हट रहा है, तो उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।
दूसरी ओर, रूस को इस युद्ध विराम से कोई खास परेशानी नहीं है। पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि वे अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी कुछ शर्तें हैं। अब देखना होगा कि यह युद्ध विराम कितने दिन तक टिकता है।
ट्रंप के अगले कदम?
डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ रूस-यूक्रेन ही नहीं, बल्कि मिडिल ईस्ट में भी शांति स्थापित करने की कोशिशों में जुटे हैं।
- उन्होंने इजराइल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।
- अमेरिका की विदेश नीति को लेकर वह नई रणनीति बना रहे हैं, जिसमें ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत दुनिया में शांति स्थापित करने की बात कही जा रही है।
- ट्रंप ने खुद कहा था कि अगर युद्ध रुकता है, तो उन्हें शांति का नोबेल मिल सकता है।
अब देखना होगा कि यह युद्ध विराम कब तक चलता है और क्या ट्रंप अपने वादे को पूरा कर पाते हैं या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है—अगर वे इसमें सफल हो जाते हैं, तो यह उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक जीत होगी और नोबेल पुरस्कार उनकी झोली में गिरने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।