जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर इतिहास रचा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज, चिनाब पुल और अंजी पुल का उद्घाटन कर दिया। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुलकर पीएम मोदी की तारीफ की। साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया, जिनके समय इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी। उमर ने कहा कि इस ब्रिज के बनने से कश्मीर अब पूरे देश से जुड़ गया है। अब न सिर्फ सामान आसानी से देश के बाकी हिस्सों में पहुंचेगा, बल्कि बारिश के मौसम में हवाई जहाज वालों की मनमानी भी रुकेगी, क्योंकि लोग ट्रेन से दिल्ली तक जा सकेंगे।
अंग्रेजों ने देखा सपना, वाजपेयी-मोदी ने किया पूरा
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि इस रेलवे ब्रिज का सपना अंग्रेजों ने भी देखा था। वो ऊरी तक ट्रेन लाकर कश्मीर को देश से जोड़ना चाहते थे, लेकिन उनका सपना अधूरा रहा। फिर अटल बिहारी वाजपेयी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी और अब पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया। उमर ने कहा कि जब इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी, तब वो आठवीं क्लास में थे। अब वो 55 साल के हो चुके हैं, उनके बच्चे कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। यानी इस ब्रिज को बनने में कई दशक लग गए, क्योंकि इसका निर्माण बेहद मुश्किल था।
कश्मीरियों को मिलेगा बड़ा फायदा
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चिनाब ब्रिज से जम्मू-कश्मीर को ढेर सारे फायदे होंगे। इससे टूरिज्म को बूस्ट मिलेगा, लोगों को आने-जाने में आसानी होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके बढ़ेंगे। बारिश के मौसम में जब हाइवे बंद हो जाते हैं, तो हवाई जहाज की टिकटें 5 हजार से 20 हजार तक पहुंच जाती हैं। अब ट्रेन का ऑप्शन होने से ये लूट बंद होगी। उमर ने उम्मीद जताई कि अब कश्मीर के सेब, मेवे और दूसरा सामान रेल के जरिए देश के बाकी बाजारों तक आसानी से पहुंचेगा। इससे न सिर्फ कश्मीरियों को, बल्कि बाकी राज्यों के लोगों को भी फायदा होगा।
उमर का तंज- एलजी साहब का प्रमोशन, मेरा डिमोशन
उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में थोड़ा मज़ाकिया अंदाज भी अपनाया। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में बतौर मुख्यमंत्री उनका आखिरी कार्यक्रम भी यहीं हुआ था, जब 2014 में पीएम मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था। उस वक्त चार लोग मौजूद थे, जो आज भी हैं- उमर खुद, पीएम मोदी, राज्यपाल मनोज सिन्हा और डॉ. जितेंद्र सिंह। उमर ने चुटकी लेते हुए कहा कि मनोज सिन्हा का तो प्रमोशन हो गया, वो रेलवे के एमओएस से अब राज्यपाल बन गए, लेकिन उनका डिमोशन हो गया। पहले वो राज्य के मुख्यमंत्री थे, अब केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई।